रायपुर। रायपुर कलेक्ट्रेट कार्यालय में पदस्थ शासकीय कर्मी प्रदीप उपाध्याय(Posted government employee Pradeep Upadhyay) ने अपने सुसाइड नोट में अधिकारियों पर प्रताडऩा के आरोप(Allegations of harassment against officers) लगाए हैं। जिसे लेकर मंगलवार को पत्रकार और समाजसेवी श्रीधर राव के नेतृत्व में ब्राह्मण समाज ने डिप्टी सीएम विजय शर्मा को ज्ञापन सौंपकर पूरे प्रकरण की जांच कराने की मांगी की। उन्होंने सुसाइड नोट में जिन अधिकारियों और कर्मचारियों के नामों का उल्लेख है, उनकी भूमिका की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। साथ ही दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए। किसी को जाति सूचक शब्दों से मानसिक प्रताडऩा करना अमानवीय है।
अपने ज्ञापन में लिखा है कि रायपुर कलेक्ट्रेट कार्यालय में पदस्थ शासकीय कर्मी श्री प्रदीप उपाध्याय जी द्वारा आत्महत्या जैसा कठोर कदम उठाना पड़ा है। घटना में उन्होंने एक सुसाईड नोट भी लिखा है जिसमे उन्होंने आत्महत्या का कारण उनके कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों की प्रताडऩा से तंग आकर होना बताया है। उक्त सुसाइड नोट में उन्होंने उक्त अधिकारियों का नाम भी उल्लेखित किया है।
सुसाइड नोट में उल्लेखित प्रताडऩा जिसमे जानबूझकर परेशान करने के उद्देश्य से बार बार स्थानांतरण, जातिसूचक शब्दों का दुर्भावनावश उपयोग ब्राह्मण को भगाओ जैसे घृणित मानसिकता से साथ जातिसूचक शब्दों का उपयोग कर तिरस्कृत करना सुसाइड नोट में उल्लेखित किया गया है।
कहा है कि समस्त ब्राह्मण समाज इस दु:खद घटना का कड़ा विरोध करता है व ऐसे अधिकारियों जिनकी मानसिकता में संविधान की धारणा के विपरीत सोंच-विचार रखते हैं तथा संविधान द्वारा नागरिकों को दिए गए मूल अधिकारों का हनन होना भी इंगित करता है। उक्त अधिकारियों ने जाति-धर्म आधार पर अपने अधीनस्थ कर्मचारी से भेद-भाव कर उन्हें दुर्भावना से ग्रसित होकर प्रताडि़त किया है। ऐसा सुसाइड नोट से पूर्ण रूप से इंगित होता है। जिस वजह से प्रदीप उपाध्याय जी को आत्महत्या जैसा कठोरतम कदम उठाने को विवश होना पड़ा है।
समाज आप से प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री एवं गृह-मंत्री होने के नाते अपेक्षा करता है कि, आप उक्त घटना पर तत्काल संज्ञान लेवें एवं इस घटना की पूर्ण निष्पक्ष जाँच करवाकर समस्त दोषियों पर कठोर कार्यवाही करवाने का कष्ट करें। एवं उक्त घटना में नामित दोषी अधिकारियों को पद की गरिमा के विपरीत व्यवहार करने पर, संविधान का अनादर करने पर, मानवीय मूल्यों को तक पर रखकर जाति सूचक शब्दों के द्वारा आत्महत्या को विवश करने पर, घृणित मानसिकता के तहत् मानसिक रूप से प्रताडि़त व अपमान करने और धारित पद के लिए पूर्ण रूप से अनुपयुक्त होने जैसे गंभीर अपराधों के दोषी पाए जाने पर कानून सम्मत, विधि पूर्वक कठोरतम कार्यवाही का आदेश देकर पीडि़त परिजनों को, सर्व समाज को, प्रदेश के नागरिकों को हमारे प्रदेश में न्याय, कानून एवं संविधान के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का उदाहरण प्रस्तुत करेंगे।
यह भी पढ़ें : वाह ? गजब यहां तो धान शॉर्टेज में ढाई करोड़ का गोलमाल