पानी बिन सून थी ‘पंडो जनजाति’ की जिंदगी, पढ़ें, कैसे बदली तकदीर
By : madhukar dubey, Last Updated : February 8, 2023 | 3:46 pm
छत्तीसगढ़ के कोरिया जिला मुख्यालय से लगभग 18 किमी दूर विकासखण्ड बैकुंठपुर के ग्राम पंचायत उमझर का आश्रित गांव दुर्गापुर, पंडो जनजाति बाहुल्य ग्राम है। वनवासी जीवन शैली के परिचायक दुर्गापुर गांव में जल जीवन मिशन के तहत प्रत्येक परिवार को गुणवत्तायुक्त पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित कराना काफी चुनौतीपूर्ण कार्य था।
जहां चाह, वहां राह को आदर्श सूत्र मानते हुए दुर्गापुर के प्रत्येक परिवार को जल जीवन मिशन के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण पानी उपलब्ध कराने का संकल्प लेकर कार्ययोजना बनाई गई और अंत में ग्रामवासियो के चेहरे की मुस्कान योजना के फलीभूत होने का प्रमाण खुद ही दे रही है।
बेहतर कामकाज से योजना का मिला लाभ
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी के कार्यपालन अभियंता ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशन एवं कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह के मार्गदर्शन में जिले में जल जीवन मिशन का बेहतर क्रियान्वयन किया जा रहा है। जल जीवन मिशन का उद्देश्य समस्त ग्रामीण परिवारों को कार्यरत् घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से पेयजल प्रदाय किया जाना है। इस योजना के तहत मार्च, 2024 तक छत्तीसगढ़ राज्य के समस्त ग्रामीण घरों में कार्यरत् घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से 55 लीटर प्रतिव्यक्ति प्रतिदिन के मापदण्ड से उत्कृष्ट गुणवत्ता का पेयजल निरन्तर दीर्घ अवधि के लिए प्रदाय किया जाना है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देशानुसार राज्य में जल जीवन मिशन के लक्ष्य को पूरा करने के लिए तेजी से कार्य किया जा रहा है।
जल की गुणवत्ता के लिए ग्रामीणों को जागरूक भी किया जा रहा
जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीणों को जागरूक करने महिलाओं को जल वाहिनी के रूप में प्रशिक्षण दिया जाता है। जल जीवन मिशन के तहत जल वाहिनी रामकुमारी सारथी ने बताया कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत पीने के पानी की जांच की जाती है जिससे जल की गुणवत्ता की जानकारी प्राप्त होती है।
विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार जल जीवन मिशन के माध्यम से दुर्गापुर के खालपारा और ईबलपारा में 35.78 लाख रुपये की लागत से 47 की संख्या में चिन्हित घरों में नल के माध्यम से गुणवत्तायुक्त पेयजल पहुंचाने का पुनीत कार्य किया जा रहा है। जल जीवन मिशन योजना के तहत हर घर नल से जल पहुंचने से घर तक शुद्ध पेयजल की पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति हो रही है और अब स्वच्छ पेयजल के लिए ग्रामवासियों को भटकना नहीं पड़ता है।