रायपुर, 09 सितम्बर 2024/जिस समाज में बुजुर्गों का मान सम्मान (Respect for elders) होता है, वही समाज तरक्की करता है। इनके प्रति आदर भाव जगा कर हम अपनी सभ्यता और संस्कृति का संरक्षण कर सकते हैं। बुजुर्गों का सम्मान ही हमारी संस्कृति का परिचायक है। आज बच्चों के लिए पहले गुरु उसके माता-पिता होते हैं। दादा-दादी व नाना-नानी बच्चों में संस्कार की सीख देते हैं।
उन्होंने कहा कि बुजुर्गों का सम्मान करना हमारी परंपरा है। वृद्धजनों से हमें प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से सदैव मार्गदर्शन मिलता है। देश में सर्वाधिक युवा है, बुजुर्ग उन्हें मार्गदर्शन देते रहें तो भारत को अग्रणी देश बनाया जा सकता है। श्रम मंत्री देवांगन ने कहा कि संयुक्त परिवार में बुजुर्गों की सदा आवश्यकता महसूस की जाती है। वरिष्ठजनों की जिम्मेदारी है कि वे अपने अनुभव का लाभ आने वाली पीढ़ी को आशीर्वाद के तौर पर दें। युवाओं की ऊर्जा और वरिष्ठजनों के अनुभव से ही समाज और देश समृद्ध होगा।
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