रायपुर। भाजपा प्रदेश सह मीडिया प्रभारी दाऊ अनुराग अग्रवाल(Daw Anurag Aggarwal) ने कांग्रेस की प्रस्तावित छत्तीसगढ़ न्याय पदयात्रा को ‘बौखलाहट पदयात्रा'(‘Furiously Walking’) निरूपित करते हुए कहा है कि जिस कांग्रेस के पिछले शासनकाल में पूरे पाँच साल तक प्रदेश के हर वर्ग के साथ केवल, और केवल अन्याय-अत्याचार की सारी हदें पार कर दी गई थी, आज वह कांग्रेस न्याय की बात ठीक वैसे ही कर रही है, जैसे कोई बिल्ली सौ-सौ चूहे खाकर हज जाने की बात करे। अनुराग अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस अब छत्तीसगढ़ में महज अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए नित-नए स्वांग करने में लगी है।
भाजपा प्रदेश सह मीडिया प्रभारी दाऊ अनुराग अग्रवाल ने तीखा कटाक्ष करते हुए कहा कि जिस गिरौदपुरी धाम को अपने राजनीतिक षड्यंत्र का केंद्र बनाकर बाद में उसी की आड़ में बलौदाबाजार में हिंसा का ताण्डव कांग्रेस ने किया, उस गिरौदपुरी धाम से अपनी कथित न्याय पदयात्रा शुरू करने से पहले कांग्रेस यह बताए कि बलौदाबाजार हिंसा के पीडि़तों को न्याय दिलाने के लिए क्या वह प्रदेश सरकार की जाँच प्रक्रिया में पूरा सहयोग करेगी? कांग्रेस की भूपेश सरकार के कार्यकाल में बिरनपुर में मॉब लिंचिंग करके भुनेश्वर साहू की निर्मम हत्या के मामले में न्याय करना कांग्रेस के एजेंडे में क्यों नहीं रहा? प्रदेश भर में जंगलराज चला रहे लोगों को कांग्रेस और उसकी भूपेश सरकार संरक्षण देकर न्याय की कौन-सी इबारत लिख रही थी? दाऊ अनुराग ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज पर हमलावर होते हुए यह भी सवाल दागा कि अभी हाल ही पाँच लोगों द्वारा भिलाई में एक प्रोफेसर की हुई बेदम पिटाई के मामले के सुपारी देने वाले एक फरार आरोपी और इस मामले के ‘मास्टर माइंड को पकड़वाने में सहयोग करके पीडि़त प्रोफेसर को भी अपनी तथाकथित न्याय पदयात्रा के जरिए न्याय दिलाने का साहस क्या कांग्रेस दिखाएगी? अगर न्याय दिलाने में भी कांग्रेस का राजनीतिक चरित्र दोगलेपन को उजागर करता है तो ऐसी न्याय पदयात्रा सिवाय पाखंड के और कुछ नहीं है। अग्रवाल ने कहा कि ऐसी ही एक न्याय यात्रा निकालकर राहुल गांधी कांग्रेस की फजीहत करा चुके हैं और छत्तीसगढ़ के कांग्रेसी रही-सही कसर पूरी करने जा रहे हैं। कांग्रेस के छत्तीसगढ़ बंद को विफल करके प्रदेश ने कांग्रेस को आईना दिखा ही दिया है। काश, बैज इसे समझ पाते।