‘राशन-बर्तन’ लेकर 11 गांवों के ‘आदिवासी’ आंदोलन में कूदे, जानें, वजह
By : madhukar dubey, Last Updated : January 20, 2023 | 8:35 pm
दरअसल, पुल का विरोध करने के लिए ताकिलोड, रेकावाया, उसपरी, बेलनार समेत अन्य गांव के ग्रामीण अपना घर छोड़कर नदी किनारे इकट्ठा हुए हैं। पिछले सप्ताहभर से फुंडरी में आंदोलन में बैठे हुए हैं। ग्रामीण अपने साथ राशन, बर्तन लेकर आए हैं। हालांकि,स्कूल, अस्पताल बनाने की मांग की है। बताया जा रहा है कि, ग्रामीण हर दिन रैली निकालकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। गांव छोड़कर आते और रैली निकालते ग्रामीणों का एक वीडियो भी सामने आया है।
ये है गांव वालों की मांग
पेसा नियम २०२२ को रद्द किया जाए।
सरकारी और गैर सरकारी नौकरी में ३२ प्रतिशत आरक्षण आदिवासियों को मिले।
नदी पर पुल, सड़क, पुलिस कैंप स्थापित न हों।
स्कूल, अस्पताल, आंगनबाड़ी समेत पीने का शुद्ध पानी उपलब्ध कराएं।
आदिवासी इलाकों में बिना ग्राम सभा किए कोई भी कार्य न किए जाएं।
वन संरक्षण अधिनियम २०२२ को रद्द किया जाए।
गांवो में ड्रोन से हमला बंद किया जाए।
सालभर से जारी है विरोध, घर लौटने के बाद फिर से आए
इंद्रावती नदी पार के ग्रामीणों का कहना है कि, सैकड़ों ग्रामीण पुल निर्माण के विरोध में मार्च २०२२ से आंदोलन कर रहे हैं। २६ मार्च २०२२ को आंदोलन पर बैठे ग्रामीणों पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया था। पुलिस की इस कार्रवाई से करीब ५० से ज्यादा ग्रामीण घायल हुए थे। वहीं इस आंदोलन में शामिल करीब ७ से ८ ग्रामीणों को झूठे केस में फंसा कर जेल में डाल दिया गया है। पहले गांव वाले घर लौट गए थे। लेकिन अब फिर से वे आंदोलन में उतर गए हैं।