Twitter News : ‘मुहब्बत के दुकानदारों’ ने छेड़ा 2 शब्दों में ‘सांकेतिक’ Silence वार! समझें ‘अनकही’ दास्तां

अमन-चैन और सुख शांति पाने की कामना ही मानव जीवन  का मूल उद्देश्य है। लेकिन स्व हित से ऊपर उठकर समाज का हर एक व्यक्ति चाहता है कि अपने देश और....

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  • Updated On - August 3, 2023 / 11:13 PM IST

छत्तीसगढ़ (मधुकर दुबे)। अमन-चैन और सुख शांति पानेकी कामना ही मानव जीवन  का मूल उद्देश्य है। लेकिन स्व हित से ऊपर उठकर समाज का हर एक व्यक्ति चाहता है कि अपने देश और राज्य में अमन चैन और भाईचारे की बयार बहे। क्योंकि किसी भी स्वस्थ्य समाज की नींव इन पर टिकी है। इतिहास गवाह रहा है कि जब भी देश में सामाजिक विसंगतियां उत्पन्न होती है तो कोई न कोई क्रांतिकारी महापुरुष सामने आता है। वैसे उसकी यात्रा पहले अकेले ही होती है, लेकिन बाद में कारवां बनता ही चला जाता है। जैसे राष्ट्रपिता ‘बापू’ ने पूरे देश में अहिंसा की अलख  जगाई थी। इसके बल पर उन्होंने ब्रिटानिया हकूमत की चूल्हे हिला दी थी। समय के साथ उनके परिकल्पना और स्थापना को आगे बढ़ाने में हमारे देश के  प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने अमूल्य और ऐतिहासिक योगदान दिया। जिसे और सशक्त रूप देने में उनके आदर्शों को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भारत को पूरे विश्व में मान सम्मान दिलाया। इसके अलावा उन्होंने नारा दिया था हिंदू-मुस्लिम सिक्ख, ईसाई सभी भाई-भाई। इस गंगा जमुनी तहजीब से देश में अमन-शांति और सुख समृद्धि रही।

ऐसे में गांधी परिवार के आदर्शों को आगे बढ़ाने में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) कहीं से भी पीछे नहीं हैं। क्योंकि उनके भारत जोड़ो यात्रा ने देश में मुहब्बत का पैगाम दिया है। आज वे देश में मणिपुर-हरियाणा हिंसा से व्यथित और दुखी हैं। जहां उनके साथ पूरी कांग्रेस पार्टी भी एकजूट है। क्योंकि उनका संदेश है कि देश में सभी एक-दूसरे से मुहब्बत करें। नफरत फैलाने वाली विचारधाराओं से दूर रहें।

यहां एक फिल्म के गाने से जिक्र करना चाहता हूं। जिसकी लाइनें हैं, मेरे देशवासियों आपस में प्रेम करो, देशवासियों। नफरत की लाठी तोड़ो, आपस में प्रेम करो देशवासियों। इसी धुन में कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी भी हैं। जिनका मकसद है, अब पूरे देश में मुहब्बत की दुकान (Love shop) खोलना है। इनके इस धुन में छत्तीसगढ़ कांग्रेस ही नहीं पूरी कांग्रेस है। इसलिए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी कहते हैं कि हमें नफरत को मिटाना है, मुहब्बत की दुकान खाेलनी है। अब राहुल गांधी को ही नहीं कांग्रेस पार्टी को लोग ‘मुहब्बत के दुकानदार’ भी कहने लगे हैं, जो राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के बढ़ती लोकप्रियता का एक पैमाना भी मान सकते हैं।

गौरतलब है कि संसद में कांग्रेस पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के माइक मौन  यानी आफ कर दिया गया ताकि उनकी आवाज को देश की जनता न सुन सके।और राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के माइक आफ होने की घटनाएं हुई। जिसका र्दद खुद बयां कर चुके हैं। ऐसे हालात में अब मुद्दे को उठाने के तरीके भी बदले हैं। संसद की सदस्यता जाने के बाद राहुल गांधी जैसे ही पीएम मोदी पर कुछ बोलने से पहले, साइलेंट हाेने का इशारा करते रहे हैं।

खैर आज कांग्रेस जो वादा-हकीकत की लाइनों पर आधारित अपने ट्विटर पर पोस्टर पोस्ट किया है। उसके भाव तो बिना कहे ही अनकही तो है। लेकिन बहुत कहती दिखती है, बस इसे अपने-अपने नजरीए से भले ही लोग देखें, पर अर्थ एक ही है…..

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