रायपुर। पीएम मोदी के शिलान्यास कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया (Health Minister Mansukh Mandaviya) ने शिलान्यास किया। एम्स के सीसीएसबी (AIIMS CCSB) के शिलान्यास करने के बाद वे छात्रों से सीधा संवाद करेंगे। इनके साथ रायपुर के सांसद सुनील सोनी और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव, राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय भी मौजूद रहे।
रायपुर में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने क्रिटिकल केयर यूनिट की शुरुआत की है। एम्स में इस यूनिट को तैयार किया जाएगा। गुरुवार को स्वास्थ्य मंत्री ने इसका शिलान्यास किया। यहां मंडाविया ने एम्स के शिक्षकों और छात्रों से बातचीत की। संवाद कार्यक्रम में शामिल होने के बाद रायपुर एम्स की स्वास्थ्य सुविधाओं का निरीक्षण भी केंद्रीय मंत्री ने किया।
मनसुख मंडाविया को रायपुर एम्स के डॉक्टर्स ने कई तरह की सुविधाएं बढ़ाने के सुझाव दिए। जिनमें कैंसर, हार्ट पेशेंट से जुड़ी सुविधाएं, इमरजेंसी से जुड़े मामले शामिल थे। मंत्री ने इस पर रायपुर एम्स के डायरेक्टर डॉ नितिन एम नागरकर को कंप्लीट प्रपोजल बनाकर भेजने को कहा है, जिस पर जल्द ही केंद्र सरकार कोई निर्णय करेगी ।
एम्स में गेट नंबर एक के पास पीएमआर बिल्डिंग के सामने क्रिटिकल केयर ब्लॉक का निर्माण किया जाएगा। इसमें अति गंभीर रोगियों को त्वरित चिकित्सा प्रदान करने का प्रस्ताव है। स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया ने कहा केंद्र सरकार हर नागरिक के स्वास्थ्य पर काम कर रही है। स्वस्थ्य समाज से समृद्ध राष्ट्र बनेगा। एम्स रायपुर में 100 करोड़ के खर्च से एक क्रिटिकल केयर ब्लॉक शुरू किया जाएगा। यहां 100 से अधिक बेड, ऑक्सीजन, वेंटीलेटर जैसी सुविधा होगा।
जब देश में कोविड की समस्या आई तो हमने पाया कि देश में हेल्थ सेक्टर में गैप किस तरह के हैं। इस लिए पूरे देश में इस तरह के क्रिटिकल केयर ब्लॉक बनेंगे। देश में कोई एमरजेंसी हो तो ये सेंटर काम आएगा, इमरजेंसी न हो और मरीजों को सुविधा मिलती रहेगी। देश के 750 जिलों में इसी तरह 100 करोड़ खर्च करके 4 साल में इनका निर्माण पूरा किया जाएगा। आज रायपुर में इसकी शुरुआत हो गई है, ये सेंटर जल्द ही बनकर तैयार होगा रायपुर और छत्तीसगढ़ के मरीजों के लिए उपयोगी होगा।
जब स्वास्थ्य मंत्री ने स्टूडेंट्स से बात-चीत की तो बताया कि हमने आठ में मेडिकल सीट्स को डबल किया। जो कमर्शियल संस्थान थे जो सिर्फ लूटने का काम करते थे, जहां अच्छी पढ़ाई नहीं होती थी ऐसे सेंटर्स को बंद किया। चैरेटी वाले बड़े अस्पतालों की मीटिंग हमने बुलाई इसमें सत्य साईं, ब्रीच कैंडी, जसलोक जैसे अस्पता थे। हमने इन्हें कहा कि, मेडिकल कॉलेज शुरू करें। आप फीस बढ़ाकर लूटने का काम नहीं करेंगे, हमने रूल्स बदले काम करने का मौका दिया, कहा कि छात्रों से लूट नहीं चलाएंगे सेवा करेंगे। आज देश में मेडिकल स्टूडेंट्स के लिए सभी सुविधाएं हैं क्यों विदेश जाना यहां सुविधा मिलनी चाहिए। चालू वर्ष में हमने 54 नए कॉलेज बनवाए हैं।
स्टूडेंट्स से मुलाकात के दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने एक रोचक बात कही- आज मैं यहां आया, कई लोगों को लगा होगा नेता आ रहे हैं। नेता कैसा होता है एक बड़ा जब्बा पहन होगा,बड़ी तोंद होगी, बंडी पहनी हो ऐसी कल्पना करते हो न..। स्वाभाविक रूप से मन में आता, कई लोगों को उत्सुक्ता होगी मंत्री से मिलें। कुछ सोच रहे होंगे कि हमारा डेढ़ घंटा बिगड़ा जाने की इच्छा नहीं थी साहब ने कहा है तो जाना होगा। लेकिन दोस्तों डेमोक्रेसी में पॉलिटिकल और ब्यूरोक्रेटिक विंग से डेमोक्रेसी बनती है। जो लीडर है उसमें कुछ प कुछ ऐसा है कि वो लीड करने के योग्य है।
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