Untold Story : ‘सैंया भए कोतवाल तो डर काहे का’! कुछ ऐसी कहानी पूर्व मंत्री डहरिया की पत्नी के ‘सामुदायिक भवन’ पर कब्जे की
By : hashtagu, Last Updated : February 25, 2024 | 5:07 pm
आरोप है कि निगम की मंजूरी के बिना ही मंत्री परिवार की समिति ने भवन पर कब्जा किया। उसके बाद अपने बंगले के सामने खाली पड़ी अटल आवास की जमीन को पहले अपने कब्जे में लिया, फिर उस पर सरकारी पैसों से आलीशान गार्डन बनवाया। सरकारी तंत्र के दुरुपयोग का पूरा भांडा फूटने के बाद पूर्व मंत्री शिव कुमार डहरिया ने आरोपों को खारिज करते कहा कि भवन का हस्तांतरण एमआईसी के आदेश पर हुआ है। पूर्व मंत्री के दावे की पड़ताल करने पर खुलासा हुआ कि राजश्री सदभावना समिति ने एमआईसी से हस्तांतरण के पहले ही भवन पर कब्जा कर लिया था। मंत्री होने की हैसियत से डहरिया ने 2020 में कब्जे वाले भवन का उद्घाटन किया। उद्घाटन के 2 साल बाद एमआईसी में हस्तांतरण का प्रस्ताव जून 2022 में निगम से पास हुआ।
- पड़ताल में पता चला है कि किसी भी संस्था काे संचालन करने भवन देने से पहले कई प्रक्रियाओं का पालन करना पड़ता है। सबसे पहले संस्था की ओर से प्रस्ताव जोन भेजा जाता है। जोन से एमआईसी और एमआईसी से मंजूरी के बाद उसे सामान्य सभा में पास करने के बाद ही भवन किसी संस्था को हस्तांतरित किया जाता है। इतना ही नहीं हस्तांतरण के पहले संस्था के काम-काज, समाज सेवा और उसकी लोकप्रियता का परीक्षण किया जाता है। उसके बाद ही हस्तांतरण पर अंतिम मुहर लगायी जाती है।
यहां निगम के सरकारी भवन में राजश्री सदभावना समिति ने 17 अक्टूबर 2020 को ही भवन में अपना कार्यालय शुरू कर लिया। उद्घाटन अवसर पर पूर्व नगरीय प्रशासन मंत्री डा. शिवकुमार डहरिया, उनकी पत्नी व समिति की अध्यक्ष शकुन डहरिया सहित कई वरिष्ठ नागरिक मौजूद थे।
- 1 डहरिया ने घर के सामने अटल आवास की जमीन पर कब्जा कर 15 हजार स्वायर फीट में आलीशान गार्डन बना लिया है।
- 2 सामुदायिक भवन जिस पर मंत्री के परिवार ने किया है कब्जा।
गार्डन और सामुदायिक भवन का ये है पूरा मामला
तेलीबांधा स्थित शताब्दी नगर में सरकारी सामुदायिक भवन पर 2020 में एक सामाजिक संस्था काबिज हो गई। समिति को ये भवन 2022 में हस्तांतरित किया गया। उसी भवन के पास पूर्व मंत्री का बंगला भी है। उनके बंगले के सामने की सरकारी जमीन को बंगले में शामिल कर गार्डन बनाया गया। इस पर शासकीय मद से करीब 1 करोड़ रु. खर्च किए गए। उस वक्त राज्य में कांग्रेस की सरकार थी और समिति की अध्यक्ष शकुन डहरिया के पति डॉ. शिव डहरिया कांग्रेस सरकार में बड़े मंत्री थे। सरकार बदलने के बाद नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने यह मामला सामान्य सभा में उठाया और इतनी बड़ी गड़बड़ी सामने आई। मीनल चौबे ने कहा, जब सैंया भए कोतवाल तो डर काहे का । तर्ज पर इनके परिवार ने इसे अंजाम दिया है।
इनपुट (भोजेंद्र वर्मा)
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