निकायों की आरक्षण प्रक्रिया के दौरान क्यों मचा बवाल, भाजपा और कांग्रेस नेताओं ने उठाए सवाल

छत्तीसगढ़ के विभिन्न निकायों की निर्वाचन की प्रक्रिया की कड़ी में मंगलवार को महापौर पद के लिए आरक्षण की प्रक्रिया पूरी की है। लेकिन इस दौरान

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  • Updated On - January 7, 2025 / 05:35 PM IST

रायपुर। छत्तीसगढ़ के विभिन्न निकायों की निर्वाचन की प्रक्रिया की कड़ी में मंगलवार को महापौर पद के लिए आरक्षण की प्रक्रिया(Reservation process for the post of mayor) पूरी की है। लेकिन इस दौरान चक्रानुक्रम प्रक्रिया को लेकर भाजपा और कांग्रेस के नेताओं ने कड़ी आपत्ति जताई। रायपुर नगर निगम में दो बार सामान्य के बाद चक्रानुक्रम प्रक्रिया को लेकर बवाल मच गया. भाजपा और कांग्रेस नेताओं ने चक्रानुक्रम के लिए तय साल को लेकर सवाल (BJP and Congress leaders raised questions regarding the year fixed for rotation)उठाया।

दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में तय कार्यक्रम के अनुसार सुबह 10.30 बजे आरक्षण की प्रक्रिया शुरू हुई। 14 नगर निगम, 53 नगर पालिका और 125 नगर पंचायत मिलाकर कुल 192 नगरीय निकाय के लिए आरक्षण की प्रक्रिया को अंजाम दिया जा रहा है. नगर पालिका और नगर पंचायत के अध्यक्ष पद के लिए भी आरक्षण प्रक्रिया होगी. पहले यह प्रक्रिया 27 दिसंबर को होने वाली थी, लेकिन तकनीकी अड़चनों की वजह से तारीख आगे बढ़ती गई।

सवाल उठाने की ये बनी बड़ी वजह

जिला प्रशासन के तमाम अधिकारी मौजूद में चल रही आरक्षण प्रक्रिया के दौरान रायपुर नगर निगम में दो बार सामान्य के बाद शुरू हुई चक्रानुक्रम प्रक्रिया को लेकर भाजपा और कांग्रेस के नेताओं में सवाल उठाए. भाजपा की मीनल चौबे और प्रफुल्ल विश्वकर्मा ने तो कांग्रेस के प्रमोद दुबे ने भी आरक्षण को लेकर सवाल उठाए। पार्षद मृत्युंजय दुबे ने कहा कि स्ञ्ज और स्ष्ट के साथ अन्याय हो रहा है। इसके साथ ही कांग्रेस के नेताओं ने भी प्रक्रिया पर सवाल उठाए।

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