सामंथा रूथ प्रभु का दर्दभरा दौर: तलाक और बीमारी ने तोड़ दिया था, बोलीं – “सबसे बुरे ख्याल आ रहे थे, कुछ भी ठीक नहीं चल रहा था”
By : hashtagu, Last Updated : May 12, 2025 | 12:03 pm

नई दिल्ली: दक्षिण भारतीय सिनेमा की लोकप्रिय अदाकारा सामंथा रूथ प्रभु (Samantha Ruth Prabhu) ने हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में अपनी ज़िंदगी के सबसे मुश्किल दौर के बारे में खुलकर बात की। उन्होंने बताया कि कैसे 2021 में नागा चैतन्य से तलाक और 2022 में मायोसिटिस जैसी गंभीर ऑटोइम्यून बीमारी से जूझना उनके लिए मानसिक और भावनात्मक रूप से बेहद भारी रहा।
सामंथा ने स्वीकार किया कि वह उस समय बुरी तरह टूट चुकी थीं। उन्होंने कहा, “एक समय ऐसा आया था जब मैंने सच में सोच लिया था कि अब और नहीं कर सकती। मेरे मन में सबसे बुरे विचार आ रहे थे। ऐसा लग रहा था कि मैं एक कभी न खत्म होने वाली खाई में गिर चुकी हूं, जहां कोई जवाब नहीं था और कुछ भी काम नहीं कर रहा था।”
उन्होंने बताया कि इतनी हिम्मत भी नहीं थी कि वो उन ख्यालों को अंजाम तक ले जाएं, लेकिन उन्होंने खुद को भीतर से मजबूत करने का फैसला किया। उनके अनुसार, “ऐसे विचारों से लड़ने के लिए बहुत साहस चाहिए होता है, और मैंने महसूस किया कि मुझे खुद को संभालने का, लचीला बनने का तरीका खोजना होगा। तभी मैंने सोचना शुरू किया कि मेरी ज़िंदगी में और क्या-क्या मायने रखता है।”
सामंथा अब उन दिनों को पीछे छोड़ चुकी हैं और मानती हैं कि असफलता और कठिनाइयों ने उन्हें ज़्यादा सिखाया है, न कि उनकी सफलता ने। उन्होंने कहा कि जब कोई मुश्किल समय से गुजरता है, तो वे उसे सिर्फ सहने की नहीं, बल्कि उससे कुछ सीखने की सलाह देती हैं, क्योंकि अंधेरे के उस पार हमेशा रोशनी होती है।
तलाक और बीमारी के बाद उन्होंने ‘पुष्पा’ के सुपरहिट गाने ‘ऊ अंटावा’ से स्क्रीन पर वापसी की। इसके बाद उन्होंने ‘काथुवाकुला रेंडु काधल’ में भी काम किया, लेकिन ‘यशोदा’, ‘शाकुंतलम’ और ‘कुशी’ जैसी उनकी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर खास कमाल नहीं कर सकीं। अब सामंथा एक नए रूप में वापसी कर रही हैं – प्रोड्यूसर के रूप में। उनकी पहली फिल्म ‘शुभम’ एक हॉरर-कॉमेडी है, जिसका निर्देशन प्रवीण कंड्रेगुला ने किया है और इसमें सामंथा एक कैमियो रोल में भी नजर आएंगी।
सामंथा की यह ईमानदारी और साहस उनके प्रशंसकों के लिए न सिर्फ प्रेरणादायक है, बल्कि यह भी बताता है कि सितारों की ज़िंदगी भी अंदर से कितनी जटिल और इंसानी होती है।