मॉस्को : पिछले कुछ सालों में ठंडे पानी से नहाने (cold bath) को सेहत के लिए फायदेमंद माना जाने लगा है। इससे ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है, त्वचा की चमक बढ़ती है और दिमाग अधिक सतर्क रहता है। लेकिन हाल ही में एक वायरल वीडियो में दावा किया गया कि सुबह-सुबह ठंडे पानी से नहाने की वजह से 74 प्रतिशत युवाओं को स्ट्रोक होता है। इस दावे पर अब रूसी कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. दिमित्री यारानोव ने सच्चाई सामने रखी है।
डॉ. यारानोव ने 18 अक्टूबर को अपने इंस्टाग्राम वीडियो में बताया कि यह दावा गलत है और वैज्ञानिक तथ्यों पर आधारित नहीं है। उन्होंने कहा कि “यह दावा ड्रामेटिक तो है, लेकिन सच नहीं है।”
पहला, सुबह के शुरुआती घंटे यानी 6 से 9 बजे के बीच ब्लड प्रेशर और ब्लड क्लॉटिंग गतिविधि स्वाभाविक रूप से बढ़ जाती है। इसी वजह से स्ट्रोक और हार्ट अटैक के मामले इसी समय ज्यादा होते हैं।
दूसरा, अचानक ठंडे पानी के संपर्क में आने से ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट में हल्की तेज़ी आ सकती है, खासकर उन लोगों में जिन्हें हाइपरटेंशन या हृदय संबंधी समस्या है।
तीसरा, स्वस्थ लोगों में ठंडा पानी रक्त वाहिकाओं को फाड़ता नहीं है और न ही सीधे स्ट्रोक का कारण बनता है। स्ट्रोक इस तरह से नहीं होता।
डॉ. यारानोव ने कहा कि ठंडे पानी से डरने की जरूरत नहीं है, बल्कि शरीर को समझने और उसका ध्यान रखने की जरूरत है। उन्होंने सलाह दी कि अगर किसी को उच्च रक्तचाप, डायबिटीज़ या हृदय रोग है और उम्र 40 वर्ष से अधिक है तो उन्हें सुबह बहुत ठंडे पानी से नहाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए।
यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।