नई दिल्ली : अगर आप रात भर सोने के बाद भी थके हुए, सुस्त या कन्फ्यूज महसूस करते हैं, तो यह सिर्फ थकान नहीं बल्कि एक रेयर स्लीपिंग डिसऑर्डर हो सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार यह समस्या इडियोपैथिक हाइपरसोम्निया (Idiopathic Hypersomnia) हो सकती है — एक न्यूरोलॉजिकल नींद से जुड़ी बीमारी, जिसमें व्यक्ति को दिनभर नींद आती रहती है, चाहे उसने पूरी रात आराम ही क्यों न किया हो।
इस बीमारी से जूझ रहे लोगों को लंबे समय तक सोने के बावजूद जागने में कठिनाई होती है। जागने पर उन्हें कंफ्यूजन और भारीपन महसूस होता है। वे दिन में बार-बार सो जाते हैं और लगातार थकान महसूस करते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस बीमारी के लक्षण अक्सर अन्य स्लीप डिसऑर्डर्स या मेंटल हेल्थ कंडीशंस जैसे दिखते हैं, इसलिए सही डायग्नोसिस में देर हो जाती है।
रिसर्च रिपोर्ट्स के अनुसार, इडियोपैथिक हाइपरसोम्निया एपिलेप्सी या बाइपोलर डिसऑर्डर से भी ज्यादा आम हो सकता है। साइंस डायरेक्ट डॉट कॉम में 2024 में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, यह दिमाग के उस हिस्से से जुड़ा है जो नींद और जागने की साइकिल को नियंत्रित करता है। यानी, यह एक न्यूरोलॉजिकल समस्या है।
हालांकि इस बीमारी का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन विशेषज्ञ बताते हैं कि इसका इलाज मुख्य रूप से लक्षणों को नियंत्रित करने पर केंद्रित होता है। इसके लिए नींद की स्वच्छता बनाए रखना, सही सोने का माहौल बनाना और संतुलित जीवनशैली अपनाना बेहद जरूरी है।