नवजात के स्तनपान में पति करें पत्नी की मदद-ग्वाडा

राजधानी में इम्पैक्ट फॉर न्यूट्रिशन, यूनिसेफ और जागरण लेकसिटी यूनिवर्सिटी के संयुक्त तत्वावधान में मंगलवार को सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर मीटअप मार्गरेट ग्वाडा ने अपने व्यक्तिगत अनुभव के बारे में बात की।

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  • Publish Date - August 2, 2023 / 05:19 PM IST

भोपाल  (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्तनपान सप्ताह (breast feeding) की शुरुआत के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में यूनिसेफ की राज्य प्रमुख मार्गरेट ग्वाडा ने कहा कि स्तनपान के लिए पति भी पत्नी की मदद करें।

राजधानी में इम्पैक्ट फॉर न्यूट्रिशन, यूनिसेफ और जागरण लेकसिटी यूनिवर्सिटी के संयुक्त तत्वावधान में मंगलवार को सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर मीटअप मार्गरेट ग्वाडा ने अपने व्यक्तिगत अनुभव के बारे में बात की। उन्होंने कहा, हर महिला को स्तनपान का पहला दिन चुनौतीपूर्ण लगता है। उनके पति ने उन्हें बहुत समर्थन और जानकारी दी, जिससे उन्हें शुरुआती हफ्तों में मदद मिली। इसी तरह हर पति को ऐसा ही करना चाहिए। इस नर्सिंग अवधि के दौरान अपनी पत्नी का समर्थन करें। मां का दूध शिशु के लिए सबसे शुद्ध और सर्वोत्तम है।

इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग के निदेशक सुरेश तोमर ने कहा कि हालांकि यह सिफारिश की जाती है कि जन्म के एक घंटे के भीतर स्तनपान शुरू कर दिया जाए। अभी भी केवल 41 फीसदी नवजातों को ही विशेष स्तनपान मिल पाता है। इसका कारण यह है कि हम केवल समाज के एक वर्ग पर ही ध्यान केंद्रित कर उन्हें जागरूक करते हैं, जबकि अस्पतालों को भी इस मुद्दे के बारे में जागरूक करने की जरूरत है।

स्तनपान की बारीकियों के बारे में बात करते हुए यूनिसेफ की पोषण विशेषज्ञ डॉ. पुष्पा अवस्थी ने कहा कि पांच साल से कम उम्र के 45 फीसदी बच्चे पोषण की कमी के कारण मर जाते हैं। स्तनपान से 100 में से 10 शिशुओं को बचाने की क्षमता है। यदि पहले दिन के पहले घंटे के भीतर शिशु को स्तनपान करवाया जाए तो 22 प्रतिशत नवजातों को बचाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि मां का दूध बच्चे के पहले टीकाकरण के रूप में कार्य करता है। ये दूध शिशु को सर्दी, दस्त, अस्थमा और पीलिया जैसी बीमारियों से बचाता है। इस सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर मीट में करीब 25 सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स शामिल हुए।