नई दिल्ली, 28 अगस्त (आईएएनएस)। एक शोध में यह बात सामने आई है कि लोगों को टीकाकरण (Vaccination) के फायदे बताने से अच्छा है कि उन्हें टीकाकरण न करवाने के नुकसानों के बारे में बताया जाए। इससे उनके टीका लगवाने की संभावना बढ़ सकती है।
जर्नल ऑफ पब्लिक हेल्थ में प्रकाशित शोध में कहा गया है कि टीकाकरण के लाभों या सामान्य स्वास्थ्य के लिए इसके लाभों पर काम करने से ज्यादा बेहतर है कि लोगों को टीकाकरण न करवाने के नुकसान के बारे में बताया जाए।
चीन के शेनझेन इंस्टीट्यूट फॉर एडवांस्ड स्टडी के प्रमुख लेखक के फेंग ने कहा, ”इस शोध में यह देखा गया है कि जब लोगों को वैक्सीन न लगवाने के नुकसान के बारे में बताया जाता है तो उनके टीकाकरण कराने की संभावना बढ़ जाती है। शोध के यह परिणाम सरकारों को महामारी से निपटने में बेहतर तरीके से मदद कर सकते हैं।”
शोध में टीम ने कोविड-19 टीकाकरण के प्रति लोगों को संदेश देने के लिए इसे न लगवाने से होने वाले नुकसान पर खुलकर बात की।
इस शोध के लिए शोधकर्ताओं ने तीन समूह बनाए। पहले समूह को शोधकर्ताओं द्वारा टीकाकरण के व्यक्तिगत लाभों के बारे में जानकारी दी गई, जिसमें लोगों को बताया गया कि टीकाकरण कोविड संक्रमण के बाद गंभीर लक्षणों का अनुभव करने के जोखिम को कम कर सकता है।
दूसरे समूह को बताया गया कि टीकाकरण से न केवल कोरोना से बचाव होगा, बल्कि यह आसपास के लोगों में इस संक्रमण को फैलाने से बचाएगा। साथ ही यह कमजोर इम्युनिटी वालों का भी इस संक्रमण से बचाव करेगा।
लोगों के तीसरे समूह को टीकाकरण न करवाने के संभावित नुकसान के बारे में बताया गया। इसमें बताया गया कि अगर वह टीकाकरण नहीं कराते है तो इसके गंभीर लक्षण विकसित होने की संभावना अधिक होगी, क्योंकि आपके शरीर में कोविड के प्रति एंटीबॉडी विकसित नहीं होगी।
शोध में पाया गया कि पहले और दूसरे समूह के मुकाबले जिन रोगियों को संभावित टीकाकरण न करवाने के नुकसान के बारे में बताया गया उस समूह में टीकाकरण की संभावना सबसे अधिक 72.6 प्रतिशत थी।
जिन लोगों को टीकाकरण के व्यक्तिगत लाभों के बारे में बताया गया उनमें से लगभग 65.5 प्रतिशत लोग टीका लगवाने के इच्छुक थे।
अन्य लोगों के समूहों में से केवल 62 प्रतिशत ही टीकाकरण कराने के लिए इच्छुक थे।
शोध में टीकाकरण के लाभों के बजाय टीकाकरण न करवाने के व्यक्तिगत जोखिम पर जोर देना ज्यादा कारगर साबित हुआ।