नई दिल्ली। आयुर्वेद में काली जीरी (Black Cummin) को पेट और कीड़ों की रामबाण औषधि माना जाता है। इसके छोटे-छोटे काले बीज पेट के लिए बेहद फायदेमंद हैं। गैस, अपच, कब्ज और पेट के कीड़ों की समस्या में काली जीरी असरदार समाधान साबित हो सकती है।
काली जीरी का सेवन कई तरीकों से किया जा सकता है:
चूर्ण: 2-3 ग्राम काली जीरी चूर्ण गुनगुने पानी के साथ लें।
गैस और अपच: काली जीरी और अजवाइन बराबर मात्रा में पीसकर सेवन करें।
कीड़ों के लिए काढ़ा: बीजों को पानी में उबालकर छान लें और पी लें।
लिवर और रोग प्रतिरोधक क्षमता: काली जीरी को शहद के साथ मिलाकर सेवन करें।
त्वचा रोगों के लिए: काली जीरी का तेल सीधे त्वचा पर लगाने से दाद, खुजली और फोड़े-फुंसी में आराम मिलता है।
वजन और डायबिटीज नियंत्रण: काली जीरी को त्रिफला या मेथी के साथ मिलाकर लेने से मोटापा कम होता है और शुगर नियंत्रित रहती है।
विशेषज्ञों की सलाह है कि काली जीरी का अत्यधिक सेवन पेट में जलन या कमजोरी पैदा कर सकता है, इसलिए इसे हमेशा उचित मात्रा में और चिकित्सक की सलाह के अनुसार ही इस्तेमाल करें।
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