मेनोपॉज में हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है, इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें

मेनोपॉज के समय हार्मोनल बदलाव, ब्लड प्रेशर में वृद्धि, धमनियों की कठोरता और कोलेस्ट्रॉल लेवल में गड़बड़ी जैसे कारण महिलाओं को हृदय रोगों की तरफ ले जाते हैं।

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  • Publish Date - September 12, 2025 / 05:28 AM IST

नई दिल्ली: महिलाओं के जीवन में मेनोपॉज (menopause) एक बड़ा बदलाव होता है, जो आमतौर पर 45 से 55 साल की उम्र के बीच आता है। इस दौरान शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर घटता है, जिससे दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। खासकर हार्ट अटैक का रिस्क इस फेज में ज्यादा हो जाता है।

मेनोपॉज के समय हार्मोनल बदलाव, ब्लड प्रेशर में वृद्धि, धमनियों की कठोरता और कोलेस्ट्रॉल लेवल में गड़बड़ी जैसे कारण महिलाओं को हृदय रोगों की तरफ ले जाते हैं। अगर मेनोपॉज जल्दी (40 साल से पहले) हो जाए तो दिल की बीमारी का खतरा और बढ़ जाता है।

मेनोपॉज में हार्ट अटैक के लक्षण जिन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए:

  1. सीने में हल्का दर्द या दबाव – यह दर्द बहुत तीव्र न होकर सिर्फ भारीपन या दबाव जैसा महसूस हो सकता है। यह कुछ मिनटों के लिए रह सकता है या रुक-रुक कर आ सकता है।

  2. अन्य हिस्सों में दर्द – सिर्फ सीना नहीं, दर्द गर्दन, जबड़े, पीठ, बांहों (खासकर बाएं) या पेट में भी हो सकता है। इसे कई बार महिलाएं मांसपेशियों का दर्द या गैस समझ लेती हैं।

  3. सांस फूलना – बिना किसी भारी काम के भी सांस फूलना या अचानक थकावट महसूस होना हार्ट अटैक का संकेत हो सकता है, खासकर जब यह लक्षण सीने के दर्द के साथ आए।

विशेषज्ञों के अनुसार, महिलाओं को मेनोपॉज के समय अपने हृदय स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देना चाहिए और ऊपर बताए गए लक्षणों को हल्के में नहीं लेना चाहिए।