नींद की कमी का पता लगाने के लिए वैज्ञानिकों ने डेवलप किया नया ब्लड टेस्ट

साइंस एडवांसेज जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, बायोमार्कर टेस्ट से पता लग सकता है कि कोई व्यक्ति 24 घंटे तक जाग रहा था या नहीं।

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  • Publish Date - March 12, 2024 / 03:16 PM IST

नई दिल्ली, 10 मार्च (आईएएनएस)। वैज्ञानिकों की एक टीम ने एक ब्लड टेस्ट (blood test) डेवलप किया है जो यह पता लगा सकता है कि कोई व्यक्ति 24 घंटों से सोया नहीं है।

ऑस्ट्रेलिया में मोनाश विश्वविद्यालय और ब्रिटेन में बर्मिंघम विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों के अनुसार, नींद की कमी से गंभीर बीमारी या मृत्यु का खतरा भी बढ़ सकता है।

साइंस एडवांसेज जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, बायोमार्कर टेस्ट से पता लग सकता है कि कोई व्यक्ति 24 घंटे तक जाग रहा था या नहीं।

ब्रिटेन में बर्मिंघम विश्वविद्यालय में नींद और सर्केडियन विज्ञान के प्रोफेसर क्लेयर एंडरसन ने कहा, “वैज्ञानिकों के लिए यह वास्तव में एक रोमांचक खोज है, और अपर्याप्त नींद से संबंधित स्वास्थ्य प्रबंधन में परिवर्तनकारी हो सकती है।”

दुनिया भर में लगभग 20 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाएं नींद की कमी के कारण होती है। शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि यह खोज नींद से वंचित ड्राइवरों की आसानी से पहचान कर सकती है जिससे भविष्य में इस मामले का आसानी से उपचार हो।

एंडरसन ने कहा, “इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि पांच घंटे से कम नींद असुरक्षित ड्राइविंग से जुड़ी है, लेकिन 24 घंटे जागने के बाद गाड़ी चलाना, शराब पीकर गाड़ी चलाने से कहीं ज्यादा खतरनाक है।”

यह टेस्ट भविष्य में फोरेंसिक उपयोग के लिए भी हो सकता है लेकिन आगे सत्यापन की आवश्यकता है।

यह नींद की कमी का बायोमार्कर टेस्ट 24 घंटे या उससे अधिक जागने पर आधारित है, लेकिन 18 घंटे तक जागने का पता भी लगा सकता है।