नई दिल्ली। हाल के दिनों में जिम, खेल-कूद या वर्कआउट के दौरान युवाओं की अचानक (cardiac arrest) कार्डियक अरेस्ट (सडन हार्ट अटैक) से मौत के मामलों में तेजी आई है। इस चिंताजनक स्थिति को देखते हुए पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने ‘जिम जाने वालों और खिलाड़ियों में अचानक कार्डियक अरेस्ट की रोकथाम’ नामक एक हेल्थ एडवाइजरी जारी की है।
इस एडवाइजरी में जिन मुख्य कारणों को चिन्हित किया गया है, वे हैं:
बिना जांच के छुपे हुए मेडिकल कंडीशन्स
बिना विशेषज्ञ सलाह के ली जा रही डाइट
जल्दी रिजल्ट देने वाले असुरक्षित सप्लीमेंट्स, एनर्जी ड्रिंक्स और स्टेरॉइड्स
दिल और लीवर पर पड़ने वाले इन पदार्थों के हानिकारक प्रभाव
चंडीगढ़ स्थित पीजीआईएमईआर (PGIMER) के एडवांस कार्डियक सेंटर के प्रोफेसर डॉ. राजेश विजयवर्गीय के अनुसार, यह एक “साइलेंट थ्रेट” बन चुका है। उन्होंने कहा कि
“दिल की बीमारी अब केवल बुजुर्गों या पहले से बीमार लोगों तक सीमित नहीं रही। यह 40 साल से कम उम्र के युवाओं, छात्रों, खिलाड़ियों, पेशेवरों और गृहिणियों तक को प्रभावित कर रही है।”
कार्डियक अरेस्ट: जब दिल की इलेक्ट्रिकल प्रणाली में गड़बड़ी होती है और दिल की धड़कन अचानक रुक जाती है। इसका असर तुरंत दिमाग और शरीर के अन्य अंगों की रक्त आपूर्ति पर होता है। सीपीआर (CPR) समय रहते न दिया जाए, तो कुछ ही मिनटों में मौत हो सकती है।
हार्ट अटैक (मायोकार्डियल इंफार्क्शन): यह दिल की धमनियों में ब्लॉकेज के कारण होता है, जिससे दिल की मांसपेशियों को रक्त मिलना बंद हो जाता है। यह भी गंभीर स्थिति है लेकिन इसके लक्षण और इलाज कार्डियक अरेस्ट से अलग होते हैं।
जिम या स्पोर्ट्स शुरू करने से पहले स्वास्थ्य जांच कराएं
बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी सप्लीमेंट या स्टेरॉइड्स न लें
एनर्जी ड्रिंक्स और परफॉर्मेंस एन्हांसर्स से दूरी बनाए रखें
सीपीआर सीखें और दूसरों को सिखाएं – यह जीवन बचा सकता है
थकावट, सीने में दर्द, या चक्कर जैसे लक्षणों को नजरअंदाज न करें