बारिश के मौसम में बढ़ा निमोनिया का खतरा, जानिए इसके लक्षण और बचाव के उपाय

यह बीमारी बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी वालों के लिए खासतौर पर खतरनाक हो सकती है।

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  • Publish Date - August 10, 2025 / 11:25 AM IST

Pneumonia: मानसून में वातावरण में नमी और गंदगी के कारण वायरस और बैक्टीरिया तेजी से फैलते हैं। इसी वजह से इस मौसम में निमोनिया जैसे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। यह बीमारी बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी वालों के लिए खासतौर पर खतरनाक हो सकती है।

इंडियन जर्नल ऑफ चेस्ट डिजीज एंड एलाइड साइंसेज (IJCDAS) में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, बारिश में भीगने और गीले कपड़ों में लंबे समय तक रहने से मानसून के दौरान निमोनिया के मामले बढ़ते हैं।

निमोनिया के प्रकार:

  1. बैक्टीरियल निमोनिया –
    Streptococcus pneumoniae बैक्टीरिया से होता है।
    कमजोर इम्यून सिस्टम वालों में जल्दी फैलता है।

  2. वायरल निमोनिया –
    फ्लू और जुकाम के वायरस से होता है।
    हल्का होता है, लेकिन गंभीर भी हो सकता है।

  3. फंगल निमोनिया –
    दुर्लभ होता है।
    HIV/AIDS या कीमोथेरेपी वाले मरीजों में पाया जाता है।

  4. एस्पिरेशन निमोनिया –
    जब खाना, पानी या उल्टी गलती से फेफड़ों में चला जाए।
    निगलने में दिक्कत वाले लोगों में होता है।

 निमोनिया के 7 आम लक्षण:

  1. तेज बुखार

  2. ठंडी लगकर कांपना

  3. लगातार खांसी (कभी-कभी बलगम के साथ)

  4. सीने में दर्द या भारीपन

  5. सांस लेने में तकलीफ

  6. तेज़ थकान

  7. भूख न लगना

डॉक्टर से जानें: मानसून में निमोनिया से बचने के 11 आसान टिप्स

  1. बारिश में भीगने से बचें

  2. गीले कपड़े तुरंत बदलें

  3. हाथ-पैर और शरीर साफ रखें

  4. गर्म पानी से नहाएं

  5. गर्म खाना और उबला हुआ पानी ही पिएं

  6. खांसते या छींकते समय मुंह ढकें

  7. भीड़भाड़ वाली जगहों से बचें

  8. घर में साफ-सफाई रखें

  9. कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग डॉक्टर से परामर्श लें

  10. समय-समय पर हाथ धोते रहें

  11. बुखार या खांसी ज्यादा दिन रहे तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं