रात में काम करने से बढ़ सकता है मधुमेह व मोटापे का खतरा : अध्ययन

जर्नल ऑफ प्रोटीन रिसर्च में प्रकाशित अध्ययन में "मस्तिष्क में मास्टर जैविक घड़ी" के बारे में बताया गया।

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  • Publish Date - May 12, 2024 / 10:52 AM IST

नई दिल्ली, 10 मई (आईएएनएस)। एक अध्ययन में पाया गया है कि सिर्फ तीन रात की शिफ्ट मधुमेह (Diabetes) , मोटापा और अन्य कई बीमारियों का खतरा बढ़ा सकती है।

वाशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी, अमेरिका के शोधकर्ताओं ने खुलासा किया है कि रात की पाली में ब्लड शुगर से संबंधित शरीर की प्रोटीन लय गड़बड़ा सकती है।

जर्नल ऑफ प्रोटीन रिसर्च में प्रकाशित अध्ययन में “मस्तिष्क में मास्टर जैविक घड़ी” के बारे में बताया गया। यह घड़ी शरीर को दिन और रात के अनुसार लय का पालन करने के लिए प्रेरित करती है।

प्रोफेसर हंस वान डोंगेन ने कहा, जब यह “अव्यवस्थित” हो जाता है, तो यह तनाव का कारण बनता है और स्वास्थ्य की दृष्टि से घातक होता है।

वान डोंगेन ने कहा कि केवल तीन-रात की पाली लय को बाधित कर सकती है और स्वास्थ्य जोखिम बढ़ सकता है। इससे मधुमेह और मोटापे की समस्या भी खड़ी हो सकती है।

टीम ने रक्त-आधारित प्रतिरक्षा प्रणाली कोशिकाओं में मौजूद प्रोटीन की पहचान की। इनमें से कुछ की लय मुख्य जैविक घड़ी से निकटता से जुड़ी हुई थी और रात की पाली की प्रतिक्रिया में कोई बदलाव नहीं दिखा।

लेकिन, अधिकांश अन्य प्रोटीनों में परिवर्तन दिखा। ग्लूकोज विनियमन में शामिल प्रोटीन का विश्लेषण करते हुए टीम ने रात की पाली में प्रतिभागियों में ग्लूकोज लय का लगभग पूर्ण उलट पाया।

इसके अलावा, उन्होंने पाया कि रात की पाली के श्रमिकों में इंसुलिन उत्पादन और संवेदनशीलता से जुड़ी प्रक्रियाएं तालमेल से बाहर थीं।

पिछले अध्ययनों से भी पता चला है कि रात की शिफ्ट में काम करने से रक्तचाप पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इससे हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।