नई दिल्ली: आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में अक्सर लोग नींद को प्राथमिकता नहीं देते। यह सोचते हुए कि जितना कम सोएंगे, उतना बेहतर रहेगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि नींद की कमी आपकी सेहत के लिए खतरनाक हो सकती है? रात के दो-तीन बजे तक काम करते रहना और फिर सुबह अलार्म बजते ही थकावट और चिड़चिड़ापन महसूस करना आम हो गया है। आयुर्वेद और विज्ञान दोनों का मानना है कि नींद की कमी सेहत को न केवल प्रभावित करती है, बल्कि यह शरीर और मानसिक स्थिति को भी बिगाड़ देती है।
आयुर्वेद के अनुसार, नींद को जीवन के तीन प्रमुख स्तंभों में से एक माना गया है। जैसे सही भोजन और संयम आवश्यक हैं, वैसे ही नींद भी शरीर और मन को संतुलित रखने के लिए महत्वपूर्ण है। वहीं, वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी यह साबित हो चुका है कि एक व्यक्ति को रोजाना 7 से 8 घंटे की गहरी नींद की आवश्यकता होती है। यही वह समय होता है जब शरीर अपनी मरम्मत करता है, हार्मोनल संतुलन को बनाए रखता है, और अगले दिन के लिए ऊर्जा इकट्ठा करता है।
नींद की कमी का सबसे पहला असर दिमाग और दिल पर पड़ता है। मानसिक स्थिति बिगड़ने लगती है, सोचने-समझने की क्षमता घट जाती है, और किसी भी काम पर ध्यान केंद्रित करना मुश्किल हो जाता है। चिड़चिड़ापन बढ़ जाता है, और बार-बार थकान महसूस होती है।
इसके अलावा, नींद की कमी से मानसिक तनाव और चिंता का स्तर बढ़ जाता है, जो धीरे-धीरे डिप्रेशन जैसी गंभीर समस्या का रूप ले सकता है।
शरीर के बाकी अंगों पर भी इसका गंभीर असर पड़ता है। जैसे ही नींद की कमी होती है, शरीर में ब्लड प्रेशर बढ़ने लगता है और धड़कन की रफ्तार असंतुलित हो जाती है। इससे हृदय रोगों और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, शरीर में इंसुलिन पर असर पड़ता है, जो टाइप-2 डायबिटीज के जोखिम को कई गुना बढ़ा देता है।
नींद की कमी के कारण शरीर अधिक ऊर्जा की मांग करता है, जिससे भूख बढ़ जाती है। खासकर मीठा और तला-भुना खाने की इच्छा होती है। यह वजन बढ़ने का कारण बन सकता है और मोटापे से जुड़ी समस्याओं को बढ़ा सकता है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता भी प्रभावित होती है, जिससे बार-बार बीमारियां हो सकती हैं। त्वचा पर भी असर पड़ता है, और समय से पहले झुर्रियां और काले घेरे नजर आने लगते हैं। इसके अलावा, त्वचा बेजान और थकी हुई दिखाई देती है।
इसलिए, अपनी सेहत और मानसिक स्थिति को बेहतर बनाए रखने के लिए पर्याप्त नींद लेना अत्यंत आवश्यक है।
