कैंसर जैसी बीमारियों से बचाव करे सोंठ, जानें इसके वैज्ञानिक और आयुर्वेदिक लाभ

सोंठ, अदरक को सुखाकर तैयार की जाती है, और सुखाने की प्रक्रिया में इसके गुणों में कई बदलाव आते हैं, जिससे इसके प्रभाव में भी अंतर आता है।

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  • Publish Date - August 9, 2025 / 12:51 PM IST

नई दिल्ली: सोंठ, जिसे सूखी अदरक (Ginger)  या ड्राई जिंजर पाउडर के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय रसोई और आयुर्वेदिक चिकित्सा में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह न केवल एक मसाला है, बल्कि एक प्राकृतिक औषधि के रूप में भी इसका उपयोग सदियों से होता आ रहा है। अदरक के ताजे रूप में तीखापन और ताजगी होती है, वहीं सोंठ में एक अलग तरह की गरमाहट और औषधीय गुण होते हैं, जो इसे और भी खास बनाते हैं।

सोंठ, अदरक को सुखाकर तैयार की जाती है, और सुखाने की प्रक्रिया में इसके गुणों में कई बदलाव आते हैं, जिससे इसके प्रभाव में भी अंतर आता है। खासकर मानसून के मौसम में, जब शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, सोंठ का सेवन शरीर को भीतर से मजबूत बनाने में मदद करता है।

सोंठ में पाए जाने वाले पोषक तत्व और जैविक तत्व

अमेरिकी नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार, सोंठ में कैल्शियम, मैग्नीशियम, फाइबर, फोलिक एसिड, विटामिन सी और विटामिन ए जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसके अलावा, इसमें जिंजेरोल्स, शोगोल्स, जिंगिबेरीन, लिंलालूल, लिमोनीन और गेरानियोल जैसे जैविक तत्व भी शामिल होते हैं, जो इसे औषधीय दृष्टि से बहुत प्रभावी बनाते हैं।

सोंठ के स्वास्थ्य लाभ

  • पाचन क्रिया में सुधार: सोंठ में मौजूद जिंजेरोल्स और शोगोल्स पाचन क्रिया को बेहतर बनाते हैं। यह गैस, अपच, और कब्ज जैसी समस्याओं में राहत प्रदान करने में सहायक है।

  • सूजन और दर्द में राहत: सोंठ सूजन कम करने और दर्द में राहत देने में मदद करती है, विशेषकर जोड़ों के दर्द में।

  • रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना: सोंठ में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो शरीर में मौजूद हानिकारक तत्वों को घटाते हैं और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से बचाव करने में मदद कर सकते हैं।

  • आयुर्वेदिक गुण: आयुर्वेद में इसे ‘त्रिदोष नाशक’ के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। यह वात और कफ दोष को संतुलित करता है, जिससे शरीर की समग्र स्थिति में सुधार होता है।

  • मौसमी बीमारियों से बचाव: सोंठ में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबायोटिक गुण होते हैं, जो मानसून के मौसम में होने वाली सर्दी, खांसी, बुखार जैसे मौसमी संक्रमणों से लड़ने में सहायक होते हैं।

इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) और पेट की समस्याओं में राहत

सोंठ का सेवन इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (आईबीएस) जैसी समस्याओं से पीड़ित लोगों के लिए बेहद फायदेमंद होता है। यदि इसे घी और मिश्री के साथ लिया जाए, तो यह पेट को शांत करने और आंतों की मरोड़ से राहत दिलाने में मदद करता है।

सोंठ के सेवन के तरीके

सोंठ से बनी चाय या काढ़ा सर्दियों में शरीर को ऊर्जा और गर्माहट प्रदान करता है। इसके अलावा, सोंठ का पानी नियमित रूप से पीने से शरीर की इम्युनिटी मजबूत होती है और बार-बार बीमार पड़ने की संभावना कम हो जाती है।