लखनऊ, 8 जून (आईएएनएस)| अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day) के मौके पर योग को हर घर आंगन तक पहुंचाने की तैयारी चल रही है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 21 जून को आयोजित होने वाले 9वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर प्रदेश भर में सामूहिक योगाभ्यास व अन्य कार्यक्रमों के आयोजन को लेकर निर्देश दे चुके हैं और इनके सफल आयोजन के लिए तैयारियां भी युद्ध स्तर पर शुरू हो चुकी हैं।
सीएम योगी की मंशा के अनुरूप इस संबंध में विस्तृत कार्ययोजना बनाई गई है, जिसके अंतर्गत प्रदेश के सभी जिलों में 15 से 21 जून के मध्य एक हफ्ते तक योग सप्ताह का बड़े स्तर पर आयोजन होगा। इसके अंतर्गत राज्य के सभी जिलों में जनपद स्तरीय समिति का गठन किया गया है जो इस कार्ययोजना को लागू किए जाने की प्रक्रिया को मॉनिटर करेगी और इसके एग्जिक्यूशन में सहयोग करेगी।
शासन की कार्ययोजना के मुताबिक, प्रदेश के सभी जिलों में डीएम की अध्यक्षता में एक समिति का गठन होगा जिसमें मुख्य विकास अधिकारी, नगर आयुक्त, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षक, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, क्षेत्रीय आयुर्वेदिक व यूनानी अधिकारी, जिला होम्योपैथिक अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, बेसिक शिक्षा अधिकारी, क्रीड़ा अधिकारी व गैर सरकारी संस्थाओं के प्रतिनिधि बतौर सदस्य सम्मिलित होंगे। इस कार्ययोजना के अंतर्गत जिला मुख्यालय, तहसील, ग्राम विकास, ब्लॉक, ग्राम पंचायत, चिकित्सीय शिक्षा, चिकित्सा स्वास्थ्य व परिवार कल्याण, आयुष, परिवहन व पुलिस विभाग समेत कुल 23 विभागों को लक्षित किया गया है। इन सभी विभागों के समायोजन से सामूहिक योग अभ्यास व योग प्रसार संबंधी विभिन्न कार्यक्रमों का संचालन संभव हो सकेगा।
कार्ययोजना के अंतर्गत, जिले में योग गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए सहयोगी गैर सरकारी संस्थाओं की भी मदद ली जाएगी। इसके अंतर्गत, इस संस्थाओं के प्रशिक्षित योग ट्रेनर के सहयोग से जनपद/ ब्लॉक/पंचायत स्तर पर आयोजित सामूहिक योग कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। जिन संस्थाओं का इसमें चयन किया गया है उनमें पं0 दीनदयाल उपाध्याय योग संस्थान, रामकृष्ण मिशन सेवा आश्रम, पतंजलि योग संस्थान, गायत्री परिवार, ब्रह्मकुमारी फाउंडेशन, आर्ट ऑफ लिविंग, यूपी नेचुरोपैथी, योग टीचर्स व फीजिशियन एसोसिएशन, सूर्या इंटरनेशनल फाउंडेशन व हार्टफुलनेस प्रमुख हैं। योग सप्ताह के आयोजन को लेकर प्रदेश भर के तकनीकि शिक्षण संस्थानों, कृषि महाविद्यालयों, उच्च शिक्षा महाविद्यालयों, चिकित्सीय शिक्षा महाविद्यालयों व आयुष महाविद्यालयों में भी कार्यक्रमों का संचालन किया जाएगा। इस विषय में भी व्यापक रूप-रेखा विकसित की जा रही है और शासन द्वारा इस संबंध में बजट भी अलॉट किया जाएगा।