झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही से दो साल के बच्चे की मौत, गुस्साए लोगों ने किया क्लिनिक में तोड़फोड़
By : dineshakula, Last Updated : July 4, 2025 | 12:56 pm

विदिशा, मध्यप्रदेश: मध्यप्रदेश के विदिशा जिले (Vidisha district) के लटेरी कस्बे से एक बेहद चौंकाने वाली और दिल को झकझोर देने वाली खबर सामने आई है। यहां एक झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही के कारण दो साल के बच्चे की मौत हो गई। यह घटना इलाके में चर्चा का विषय बन गई है और इसके बाद गुस्साए ग्रामीणों ने डॉक्टर के क्लिनिक पर जमकर तोड़फोड़ की।
क्या है पूरा मामला?
लटेरी कस्बे में एक परिवार अपने दो साल के बेटे को बुखार के कारण एक पास के क्लिनिक में इलाज के लिए लेकर गया। क्लिनिक में एक तथाकथित डॉक्टर था, जो न तो पंजीकृत था और न ही उसके पास कोई मेडिकल डिग्री थी। उसने बच्चे को कुछ दवाएं दीं, लेकिन कुछ ही देर बाद बच्चे की हालत बिगड़ने लगी और अंततः उसकी मौत हो गई।
परिवार का आरोप
बच्चे की मौत के बाद परिवार ने डॉक्टर पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि डॉक्टर ने गलत दवाएं दीं और लापरवाही से इलाज किया। परिवार का यह भी कहना है कि यदि सही समय पर उचित इलाज मिल जाता, तो बच्ची की जान बच सकती थी। उन्होंने इस घटना के लिए डॉक्टर को जिम्मेदार ठहराया और हत्या के आरोप लगाए।
गुस्साए ग्रामीणों का प्रदर्शन
जैसे ही बच्चे की मौत की खबर फैली, गुस्साए ग्रामीण डॉक्टर के क्लिनिक के बाहर जमा हो गए। प्रदर्शनकारी लोगों ने क्लिनिक पर तोड़फोड़ की और पत्थरबाजी की। स्थिति इतनी खराब हो गई कि पुलिस को मौके पर भेजा गया। भीड़ ने डॉक्टर को पकड़कर मारपीट भी की।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने किसी तरह डॉक्टर को भीड़ से बचाया और उसे गिरफ्तार कर लिया। हालांकि, भीड़ का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा था। ग्रामीणों ने लटेरी-विदिशा रोड पर जाम लगा दिया और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। कई घंटों तक यातायात पूरी तरह से ठप रहा, जिससे इलाके में भारी असुविधा हुई।
प्रशासन का कदम
घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे। एसडीएम, तहसीलदार और सीएमएचओ सहित कई वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे और भीड़ को शांत करने की कोशिश की। प्रशासन ने मामले की गहन जांच के आदेश दिए हैं और झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही है।
स्थानीय लोगों की चिंताएं
इस घटना ने एक बार फिर लटेरी कस्बे में स्वास्थ्य सेवाओं की गंभीर स्थिति को उजागर किया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि लटेरी और आस-पास के गांवों में दर्जनों झोलाछाप डॉक्टर बिना किसी प्रमाणपत्र के इलाज कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से इस पर कोई नियंत्रण नहीं है। यह घटना न केवल प्रशासन की अनदेखी को दिखाती है, बल्कि भविष्य में ऐसी और घटनाओं के होने की चेतावनी भी देती है।