भोपाल, 8 दिसंबर (आईएएनएस)| ‘अच्छे दिन का नारा’ देश की सियासत (politics) में कई वर्षों से सुनाई दे रहा है, मगर मध्य प्रदेश के दो विधायकों (MLAs) के लिए बुरे दिन आ गए हैं। एक हैं कांग्रेस के विधायक अजब सिंह कुशवाह जिन्हें न्यायालय ने धोखाधड़ी के मामले में दोषी पाते हुए दो साल की सजा सुनाई है तो वही भाजपा के विधायक हैं राहुल लोधी जिनके निर्वाचन को उच्च न्यायालय जबलपुर ने शून्य घोषित कर दिया है। राज्य में लगभग एक साल बाद विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं और वर्तमान विधायक से लेकर तमाम दावेदार चुनाव की तैयारियों में भी जुटे हुए हैं। वहीं दो विधायकों के लिए अच्छी खबर नहीं आ रही है। मुरैना जिले के सुमावली विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक हैं अजब सिंह कुशवाह, इन पर आरोप है कि उन्होंने सरकारी जमीन को अपना बताते हुए लगभग 75 लाख में बेच दी थी। इस मामले में पुरुषोत्तम शाक्य नामक व्यक्ति ने ग्वालियर के महाराजपुरा में शिकायत दर्ज कराई थी और कहा था कि विधायक अजब सिंह ने यह जमीन उन्हें बेची, मगर कब्जा नहीं मिला। इस पर पुलिस ने मामला भी दर्ज कर लिया था।
बताया गया है कि इस मामले पर सुनवाई करते हुए ग्वालियर के न्यायालय ने विधायक अजब सिंह सहित अन्य लोगों को दो-दो साल की सजा सुनाई है और 10-10 हजार का जुर्माना भी लगाया है। इस फैसले के बाद कांग्रेस विधायक की सदस्यता पर संकट मंडराने लगा है। नियमानुसार अगर किसी विधायक को दो साल या उससे अधिक की सजा हो जाती है तो उसकी विधानसभा से सदस्यता तो जाएगी ही साथ में वह छह साल तक चुनाव लड़ने के अयोग्य रहेगा।
एक अन्य मामला टीकमगढ़ जिले के खरगापुर से भाजपा के विधायक राहुल लोधी का है। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के भतीजे लोधी के खिलाफ उच्च न्यायालय जबलपुर का फैसला आया है जिसमें चुनाव को शून्य घोषित कर दिया गया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने चुनाव के नामांकन में अपने बारे में सही जानकारी दर्ज नहीं की। उन्होंने एक कंपनी में अपनी हिस्सेदारी की बात को छुपाया, जिसके खिलाफ कांग्रेस की उम्मीदवार चंदा सिंह गौर न्यायालय गई थी।
बताया गया है कि दोनों विधायकों के लिए उच्च अदालत में जाने का रास्ता खुाला हुआ है, मगर तलवार तो लटक ही गई है। अब देखना होगा आगे इन्हें राहत मिलती है या अभी आए फैसले उनकी आगे की सियासत की राह को तय करते हैं।