भोपाल, 19 मार्च (आईएएनएस)। लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान और प्रचार के कम होते दिनों ने मध्य प्रदेश में कांग्रेस के दावेदारों (Congress contenders in Madhya Pradesh) की चिंताएं बढ़ा दी है। ऐसा इसलिए क्योंकि कांग्रेस अब तक 29 लोकसभा सीटों (29 Lok Sabha seats) में से सिर्फ 10 के लिए ही उम्मीदवार तय कर पाई है।
राज्य में लोकसभा के चुनाव चार चरणों में होने वाले हैं। पहले चरण में 19 अप्रैल को छह सीटों पर मतदान होना है। इस तरह पहले चरण के मतदान के लिए एक माह ही बचा है। राज्य में लोकसभा की 29 सीटें हैं, इनमें से कांग्रेस को 28 सीटों पर उम्मीदवार उतारने हैं क्योंकि समझौते के तहत खजुराहो संसदीय सीट सपा के खाते में गई है।
कांग्रेस अब तक 10 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर चुकी है। इसमें पहले चरण में होने वाले छह संसदीय क्षेत्र में से तीन स्थानों के उम्मीदवारों के नाम हैं। चुनावी आचार संहिता लग चुकी है, भाजपा अपने सभी 29 स्थानों के लिए उम्मीदवारों का ऐलान कर चुकी है और प्रचार अभियान भी तेज होने लगा है। यह स्थितियां कांग्रेस के दावेदारों के लिए चिंता का सबब बनती जा रही है।
जो भी कांग्रेस नेता चुनाव लड़ना चाहते हैं और उनके नाम का ऐलान नहीं हुआ है, वह चिंता में हैं। एक तरफ जहां दावेदार अपनी बारी आने का इंतजार कर रहे हैं तो वहीं कई बड़े नेता चुनाव लड़ने को तैयार नहीं हैं। इतना ही नहीं कई ऐसे नेता जिनके संभावित उम्मीदवार होने की संभावना जताई जा रही थी, उन्होंने दल-बदल करके भाजपा का दामन थाम लिया है। ऐसे में पार्टी के सामने नए चेहरों का चयन और तलाश मुश्किल होता जा रहा है।