भोपाल, 19 नवंबर (आईएएनएस)| पूर्व मुख्यमंत्री और मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एमपीसीसी) के अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा है कि वह निराधार आरोपों का जवाब देने में अपनी ऊर्जा बर्बाद नहीं करते हैं। वह हिंदू धर्म का अपमान करने के भाजपा के आरोपों का जवाब दे रहे थे। नाथ ने अपने 76वें जन्मदिन पर गुरुवार को छिंदवाड़ा में अपने गृह नगर में एक समारोह के दौरान भगवान हनुमान के चित्र के साथ मंदिर के आकार का केक काटा था, इसके बाद विवाद खड़ा हो गया। संजय गांधी के ‘दून स्कूल के दोस्त’ नाथ 1970 के दशक में यूथ कांग्रेस में शामिल हुए और तब से उनका राजनीतिक सफर जारी है। वह अगले साल प्रदेश में नवबंर में होने वाले विधानसभा के चुनावों की तैयारी में जुटे हैं।
पूर्व प्रधान मंत्री (दिवंगत) इंदिरा गांधी ने जनता लहर में भी चुनाव जीते तत्कालीन सांसद गार्गी शंकर मिश्रा का टिकर काटकर कमलनाथ को दे दिया था। तब से कानपुर में जन्मे नाथ ने छिंदवाड़ा को अपना घर बनाया और नौ लोकसभा चुनाव जीते और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (अकउउ) के एक प्रमुख पदाधिकारी के रूप में सेवा करने के अलावा कई मंत्रालयों का नेतृत्व किया।
2018 में मध्यप्रदेश कांग्रेस प्रमुख का पदभार संभालने के बाद 15 साल के अंतराल के बाद कांग्रेस पार्टी प्रदेश की सत्ता में आई, हालांकि ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में जाने के कारण 15 महीने के भीतर ही सरकार गिर गई।
2018 में नाथ ने मध्य प्रदेश के 18 वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली, जिससे राज्य में भाजपा के 15 साल के शासन का अंत हो गया, जो भगवा पार्टी का गढ़ बन गया था।
2020 के संकट से उबरते हुए कमलननाथ 2023 के विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी कैडर को फिर से सक्रिय करने में जुटे हैं।