भोपाल, 17 अक्टूबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) के लिए कांग्रेस की पहली सूची जारी होने के बाद विरोध प्रदर्शन का दौर शुरू हो गया है। वहीं, नेताओं में भी सामंजस्य नजर नहीं आ रहा है। लिहाजा इस बात की संभावना जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में कई उम्मीदवारों में बदलाव किया जा सकता है।
राज्य में कांग्रेस ने 144 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की है। इसमें लगभग आधा दर्जन ऐसे उम्मीदवार हैं, जिनको लेकर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर संबंधित व्यक्ति को किसकी सिफारिश पर उम्मीदवार बनाया गया है। इस बात को कांग्रेस के बड़े नेता भी स्वीकार रहे हैं कि इतनी बड़ी गड़बड़ी आखिर हो कैसे गई।
सबसे ज्यादा चर्चाओं में केपी. सिंह का नाम है क्योंकि वह पिछोर से चुनाव जीतते आ रहे हैं। मगर इस बार उन्हें शिवपुरी से उम्मीदवार बना दिया गया है। इससे स्वयं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ भी आश्चर्यचकित हैं।
इतना ही नहीं कुछ और सीटें हैं जिनकी चर्चा हो रही है इनमें दतिया, छतरपुर जिले की बिजावर, टीकमगढ़ जिले की खरगपुर और निमांड-मालवा की भी दो ऐसी सीटें हैं जिन पर कांग्रेस नेता यह जान ही नहीं पा रहे हैं कि आखिर इनका नाम आ कैसे गया है क्योंकि जिले स्तर से जो नाम भेजे गए थे, उन नाम में वह नाम था ही नहीं, जिसे उम्मीदवार बनाया गया है।
सूत्रों का कहना है कि कुछ बड़े नेताओं ने अपनी मनमर्जी से सर्वे के नाम पर ऐसे लोगों को उम्मीदवार बना दिया है जो कांग्रेस के लिए घातक हैं और पार्टी का जमीनी कार्यकर्ता उससे नाराज है। कई नेता तो खुले तौर पर सौदेबाजी तक के आरोप लगाने में लगे हैं। यही कारण है कि पार्टी नेतृत्व कुछ नाम में बदलाव करने की तैयारी में है और आने वाले एक-दो दिनों में यह बात सामने भी आ सकती है।