(भोपाल, 10 जनवरी (आईएएनएस)| मध्यप्रदेश सरकार (Madhya Pradesh) की मेजबानी में आयोजित 17वें ‘प्रवासी भारतीय दिवस’ (Pravasi Bharatiya Divas) के उद्घाटन सत्र में प्रवेश न मिलने से बाहर से आए कई एनआरआई को निराशा का सामना करना पड़ा। उद्घाटन सत्र को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को इंदौर में संबोधित किया। सैकड़ो एनआरआई और व्यापारिक फर्मों से जुड़े लोग इंदौर पहुंचे थे, जबकि कई सोमवार को भी पहुंचे। वे कार्यक्रम स्थल पर मोदी को सुनने के लिए सभा में शामिल होना चाहते थे। लेकिन उनमें से कई कार्यक्रम स्थल पर जगह की कमी के कारण निराश हुए।
अपनी निराशा व्यक्त करते हुए उन्होंने यहां की व्यवस्थाओं पर सवाल उठाया।
हॉल के अंदर जगह की कमी के कारण उन्हें कर्मचारियों द्वारा कहा गया कि वे टीवी पर प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन सुनें या लाइव वीडियो लिंक के माध्यम से फोन पर देखें।
अमेरिका से आई जूली जैन ने कहा, अगर हमें मोदीजी को टीवी या फोन पर ही बोलते देखना था, तो हम अमेरिका से इतनी दूर इंदौर क्यों आए।
हम प्रधान मंत्री मोदी को भारतीय डायस्पोरा को संबोधित करने के लिए देखने को अमेरिका से आए थे। हमें आमंत्रित किया गया था। हमने अग्रिम पंजीकरण भी कराया था, लेकिन कार्यक्रम स्थल पर प्रवेश नहीं करने दिया गया।
यूके से आई वीना सिंह भी अंदर एंट्री न मिलने से मायूस रहीं।
उन्होंने कहा, हम यहां मोदीजी को सुनने के लिए थे और सुबह 9 बजे पहुंचे, फिर भी हमें प्रवेश नहीं दिया गया। क्या यही ‘अतिथि देवो भव’ है?
जमैका के एक प्रवासी भारतीय प्रशांत सिंह भी प्रधानमंत्री मोदी को सुनने के लिए कार्यक्रम स्थ्ल पर प्रवेश पाने में विफल रहने पर नाराज थे।
उन्होंने कहा, केवल मैं ही नहीं, बल्कि जमैका के मंत्रियों को भी अंदर प्रवेश की अनुमति नहीं थी। यदि आप 3000 मेहमानों का प्रबंध भी नहीं कर सकते हैं, तो आप महाशक्ति बनने का सपना कैसे देख सकते हैं। प्रवासी भारतीय मेहमान बाहर इंतजार कर रहे हैं, जबकि सरकार के अधिकारी अंदर बैठे थे।
हालांकि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री मोदी, कई केंद्रीय मंत्रियों और राज्यपाल मंगूभाई सी. पटेल सहित अपने कैबिनेट मंत्रियों की उपस्थिति में नाराज मेहमानों को शांत करने का प्रयास किया।
शिवराज सिंह ने कहा, हॉल में भले ही जगह कम पड़ गई हो, लेकिन मेरे दिल में आपके लिए असीम प्यार और सम्मान है।
आईएएनएस से बात करते हुए, अधिकारियों ने दावा किया कि प्रतिनिधियों को पहले से स्पष्ट रूप से बताया गया था कि पीएम के कार्यक्रम स्थल में प्रवेश की समय सीमा सुबह 8 बजे है, लेकिन फिर भी कई देर से पहुंचे।) के उद्घाटन सत्र में प्रवेश न मिलने से बाहर से आए कई एनआरआई को निराशा का सामना करना पड़ा। उद्घाटन सत्र को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को इंदौर में संबोधित किया। सैकड़ो एनआरआई और व्यापारिक फर्मों से जुड़े लोग इंदौर पहुंचे थे, जबकि कई सोमवार को भी पहुंचे। वे कार्यक्रम स्थल पर मोदी को सुनने के लिए सभा में शामिल होना चाहते थे। लेकिन उनमें से कई कार्यक्रम स्थल पर जगह की कमी के कारण निराश हुए।
अपनी निराशा व्यक्त करते हुए उन्होंने यहां की व्यवस्थाओं पर सवाल उठाया।
हॉल के अंदर जगह की कमी के कारण उन्हें कर्मचारियों द्वारा कहा गया कि वे टीवी पर प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन सुनें या लाइव वीडियो लिंक के माध्यम से फोन पर देखें।
अमेरिका से आई जूली जैन ने कहा, अगर हमें मोदीजी को टीवी या फोन पर ही बोलते देखना था, तो हम अमेरिका से इतनी दूर इंदौर क्यों आए।
हम प्रधान मंत्री मोदी को भारतीय डायस्पोरा को संबोधित करने के लिए देखने को अमेरिका से आए थे। हमें आमंत्रित किया गया था। हमने अग्रिम पंजीकरण भी कराया था, लेकिन कार्यक्रम स्थल पर प्रवेश नहीं करने दिया गया।
यूके से आई वीना सिंह भी अंदर एंट्री न मिलने से मायूस रहीं।
उन्होंने कहा, हम यहां मोदीजी को सुनने के लिए थे और सुबह 9 बजे पहुंचे, फिर भी हमें प्रवेश नहीं दिया गया। क्या यही ‘अतिथि देवो भव’ है?
जमैका के एक प्रवासी भारतीय प्रशांत सिंह भी प्रधानमंत्री मोदी को सुनने के लिए कार्यक्रम स्थ्ल पर प्रवेश पाने में विफल रहने पर नाराज थे।
उन्होंने कहा, केवल मैं ही नहीं, बल्कि जमैका के मंत्रियों को भी अंदर प्रवेश की अनुमति नहीं थी। यदि आप 3000 मेहमानों का प्रबंध भी नहीं कर सकते हैं, तो आप महाशक्ति बनने का सपना कैसे देख सकते हैं। प्रवासी भारतीय मेहमान बाहर इंतजार कर रहे हैं, जबकि सरकार के अधिकारी अंदर बैठे थे।
हालांकि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री मोदी, कई केंद्रीय मंत्रियों और राज्यपाल मंगूभाई सी. पटेल सहित अपने कैबिनेट मंत्रियों की उपस्थिति में नाराज मेहमानों को शांत करने का प्रयास किया।
शिवराज सिंह ने कहा, हॉल में भले ही जगह कम पड़ गई हो, लेकिन मेरे दिल में आपके लिए असीम प्यार और सम्मान है।
आईएएनएस से बात करते हुए, अधिकारियों ने दावा किया कि प्रतिनिधियों को पहले से स्पष्ट रूप से बताया गया था कि पीएम के कार्यक्रम स्थल में प्रवेश की समय सीमा सुबह 8 बजे है, लेकिन फिर भी कई देर से पहुंचे।