नई दिल्ली: ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) में पाकिस्तान के 4 से 5 F-16 लड़ाकू विमान मार गिराए गए और कुछ चीनी निर्मित JF-17 भी नष्ट किए गए। वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ने शुक्रवार को बताया कि ऑपरेशन के दौरान पाकिस्तान के कई एयर फील्ड भी प्रभावित हुए, रनवे और हैंगर ध्वस्त हुए। उन्होंने कहा कि कुछ लड़ाकू जेट हैंगर में थे जबकि कुछ हवा में उड़ रहे थे, और कुल मिलाकर पाकिस्तान के लगभग 10-12 विमान नष्ट हुए जिनमें 4-5 F-16 शामिल हैं। इसके अलावा एक C-130 ग्राउंड विमान और एक AWACS विमान भी नष्ट करने का दावा किया गया।
वायु सेना प्रमुख ने पाकिस्तान के अंदर आतंकी समूहों के स्थानांतरण का जिक्र करते हुए कहा कि खैबर पख्तूनख्वा में आतंकी गुटों को शिफ्ट किया जा रहा है, लेकिन हमारी मारक क्षमता वहां तक पहुँचती है और आवश्यक होने पर हम वहां भी कार्रवाई करेंगे। उन्होंने कहा कि यदि इंटेलिजेंस उपलब्ध हो तो उन ठिकानों पर हम हिट कर सकते हैं।
वायु रक्षा और भविष्य की तैयारी पर उन्होंने कहा कि S-400 ने अच्छा प्रदर्शन किया है इसलिए और प्रणाली की जरूरत है। सुखोई-30 के अपग्रेडेशन की प्रक्रिया जारी है और इसमें रूस भी शामिल है। चीन अपनी तैयारी कर रहा है तो हमें भी अपनी तैयारी तेज करनी होगी। नए एयर बेस बन रहे हैं और यह प्रक्रिया लगातार चल रही है।
वायु सेना प्रमुख ने आत्मनिर्भरता की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि LCA Mark 1A का ऑर्डर दे दिया गया है और इसकी खेप 2028 तक मिल सकती है। उन्होंने कहा कि अगली लड़ाई पुरानी लड़ाइयों से काफी अलग होगी और उसके लिए अभी से तैयारी करनी होगी। ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की एयर पावर की ताकत दिखायी है और इससे सबक लेकर सभी एजेंसियों के बीच सामूहिक सोच के साथ आगे बढ़ना आवश्यक है।
थिएटर कमांड पर विचार चल रहे हैं और वायु सेना अपने अनुभव के आधार पर ज्वाइंट एक्शन करने की बात कर रही है। वायु सेना ने स्पष्ट किया कि जब भी जरूरत पड़ेगी वह अपनी ड्यूटी निभायेगी। उन्होंने कहा कि अगर किसी तकनीकी क्षेत्र में कमी है तो रणनीति बनाकर किसी के साथ मिलकर काम करना होगा और DRDO व HAL के साथ मिलकर तकनीक और क्षमता विकसित की जा रही है।