एयर इंडिया क्रैश की जांच रिपोर्ट में खुलासा: टेकऑफ के कुछ सेकंड बाद दोनों इंजन हुए बंद, 270 लोगों की गई जान

हादसे के पूरे घटनाक्रम में विमान केवल 32 सेकंड तक हवा में रहा और लगभग 0.9 नॉटिकल मील (करीब 1.6 किलोमीटर) की दूरी तय कर सका।

  • Written By:
  • Publish Date - July 12, 2025 / 08:08 AM IST

नई दिल्ली: अहमदाबाद में 12 जून को हुए एयर इंडिया ड्रीमलाइनर (Air India Dreamliner) हादसे की शुरुआती जांच रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) द्वारा जारी की गई इस रिपोर्ट में बताया गया है कि टेकऑफ के कुछ ही सेकंड बाद विमान के दोनों इंजन हवा में ही बंद हो गए थे। जांच में सामने आया कि बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर के फ्यूल कटऑफ स्विच अचानक ‘RUN’ से ‘CUTOFF’ मोड में चले गए, जिससे इंजनों को ईंधन की आपूर्ति बंद हो गई और वे बंद हो गए।

इस विमान में कुल 242 यात्री सवार थे, जिनमें से 241 की मौत हो गई। विमान अहमदाबाद एयरपोर्ट के पास बीजे मेडिकल कॉलेज हॉस्टल की इमारत से टकराया, जिससे हॉस्टल के कई छात्रों की भी जान गई और कई घायल हुए। कुल मिलाकर इस हादसे में 270 लोगों की जान चली गई। एयर इंडिया ने भी रिपोर्ट सामने आने के बाद बयान जारी किया है।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि टेकऑफ के तुरंत बाद विमान की बिजली और इंजन की ताकत पूरी तरह खत्म हो गई थी, जिससे RAM एयर टरबाइन (RAT) खुद-ब-खुद सक्रिय हो गया। यह तब होता है जब विमान पूरी तरह से बिजलीहीन हो जाता है। सीसीटीवी फुटेज में दिखा कि टेकऑफ के बाद विमान ने ऊंचाई तो पकड़ी, लेकिन एयरपोर्ट की बाउंड्री वॉल पार करने से पहले ही वह ऊंचाई खोने लगा।

ब्लैक बॉक्स यानी फ्लाइट रिकॉर्डर के डेटा के अनुसार, दोनों फ्यूल स्विच को दोबारा ‘RUN’ पोजिशन में लाया गया। इससे इंजन-1 में कुछ सुधार आया, लेकिन इंजन-2 पूरी तरह रिकवर नहीं हो पाया और बार-बार ईंधन देकर उसे चालू रखने की कोशिश की जाती रही। थ्रस्ट लीवर क्रैश के समय फॉरवर्ड पोजिशन में थे, जबकि फ्यूल कंट्रोल स्विच भी उस समय RUN मोड में पाए गए। इससे साफ है कि पायलटों ने आखिरी क्षण तक विमान को बचाने की कोशिश की।

रिपोर्ट में यह भी उल्लेख है कि टेकऑफ के समय फ्लैप और लैंडिंग गियर की स्थिति सामान्य और मानक के अनुसार थी। इसके अलावा, किसी तरह की साजिश या तकनीकी तोड़फोड़ के संकेत नहीं मिले हैं। हादसे के पूरे घटनाक्रम में विमान केवल 32 सेकंड तक हवा में रहा और लगभग 0.9 नॉटिकल मील (करीब 1.6 किलोमीटर) की दूरी तय कर सका।

यह हादसा भारतीय विमानन क्षेत्र के सबसे दर्दनाक हादसों में से एक बन गया है, जिसमें तकनीकी गड़बड़ी और संभवतः मानवीय चूक ने सैकड़ों लोगों की जान ले ली।