एशिया की पहली महिला ट्रेन ड्राइवर सुरेखा यादव 30 सितंबर को लेंगी सेवानिवृत्ति

1988 में भारत की पहली महिला ट्रेन ड्राइवर बनने वाली सुरेखा यादव ने अपनी मेहनत, समर्पण और संकल्प से भारतीय रेलवे में महिलाओं के लिए एक नई राह बनाई।

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  • Publish Date - September 19, 2025 / 01:36 PM IST

मुंबई: एशिया की पहली महिला ट्रेन ड्राइवर,  सुरेखा यादव (Surekha Yadav), 30 सितंबर 2025 को 36 वर्षों की शानदार सेवा के बाद भारतीय रेल से सेवानिवृत्त होंगी।

1988 में भारत की पहली महिला ट्रेन ड्राइवर बनने वाली सुरेखा यादव ने अपनी मेहनत, समर्पण और संकल्प से भारतीय रेलवे में महिलाओं के लिए एक नई राह बनाई। उन्होंने न केवल डेक्कन क्वीन और वंदे भारत एक्सप्रेस जैसी प्रतिष्ठित ट्रेनों को चलाया, बल्कि मालगाड़ियों से लेकर राजधानी और लोकल ट्रेनों तक हर प्रकार की ट्रेन में सेवा दी।

गुरुवार सुबह उन्हें छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT) पर भावभीनी विदाई दी गई। वे ट्रेन नंबर 22222 हज़रत निज़ामुद्दीन – CSMT राजधानी एक्सप्रेस से स्टेशन पहुंचीं। मंच संख्या 18 पर उनके परिवार, मित्रों और सेंट्रल रेलवे के स्टाफ ने उनका पारंपरिक ढोल-ताशा और लावणी नृत्य के साथ स्वागत किया।

सुरेखा ने बताया, “मैं कभी रेलवे में आने की योजना नहीं बना रही थी। बस ऐसे ही परीक्षा दी और फिर नियुक्ति पत्र आ गया। आज जब मैं पीछे देखती हूं, तो यह सफर अविश्वसनीय लगता है। यह मेरी ज़िंदगी का सबसे यादगार दिन है।”

रेलवे अधिकारियों ने सुरेखा को सच्ची प्रेरणा बताया, जिन्होंने यह साबित कर दिया कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल सकती हैं।

सेवानिवृत्ति के बाद:
हालांकि अभी उनके रिटायरमेंट के बाद की योजनाएं तय नहीं हैं, लेकिन वे 19 सितंबर को मुंबई से छुट्टियों के लिए रवाना होंगी और अगले हफ्ते वापस आकर आखिरी बार रजिस्टर साइन करेंगी।

सुरेखा यादव की यात्रा भारतीय रेलवे में महिला सशक्तिकरण का प्रतीक बन गई है।