हादसा जामुनामुख और कंपूर रेलवे सेक्शन के बीच चांगजुराई इलाके में हुआ। बताया गया कि ट्रेन के सामने अचानक हाथियों का झुंड रेलवे ट्रैक पर आ गया। लोको पायलट ने इमरजेंसी ब्रेक लगाने की कोशिश की लेकिन तेज रफ्तार होने के कारण ट्रेन को रोका नहीं जा सका और टक्कर हो गई।
टक्कर इतनी जोरदार थी कि ट्रेन का इंजन और पांच कोच पटरी से उतर गए। हालांकि राहत की बात यह रही कि इस हादसे में किसी भी यात्री के घायल होने की सूचना नहीं है। घटना के बाद रेल यातायात प्रभावित हुआ और कई ट्रेनों को वैकल्पिक मार्गों से निकाला गया।
सूचना मिलते ही रेलवे और वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। मृत हाथियों के शवों को हटाने और घायल हाथी के इलाज की व्यवस्था की गई। रेलवे ट्रैक की मरम्मत का काम भी युद्ध स्तर पर शुरू किया गया ताकि यातायात जल्द बहाल हो सके।
रेलवे अधिकारियों के अनुसार राजधानी एक्सप्रेस सैरांग से चलकर आनंद विहार टर्मिनल दिल्ली जा रही थी। यह इलाका हाथियों के प्राकृतिक आवागमन का मार्ग माना जाता है और पहले भी यहां वन्यजीवों के साथ रेल हादसे हो चुके हैं।
इस घटना ने एक बार फिर असम में रेलवे लाइनों और वन्यजीव संरक्षण के बीच संतुलन की चुनौती को उजागर किया है। स्थानीय लोग और पर्यावरण से जुड़े संगठन इस तरह के हादसों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग कर रहे हैं।
