गुरुग्राम: इंडिगो एयरलाइंस (Indigo Airlines) में काम कर रहे एक ट्रेनी पायलट ने अपने ही सहकर्मियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। हरियाणा के गुरुग्राम में इंडिगो के कैप्टन समेत तीन लोगों के खिलाफ जातिगत भेदभाव, मानसिक उत्पीड़न और आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है। पीड़ित पायलट ने दावा किया है कि उसे सार्वजनिक रूप से नीचा दिखाया गया और जातिसूचक टिप्पणियां की गईं।
35 वर्षीय पीड़ित कर्मचारी, जो कि द्रविड़ समाज से ताल्लुक रखते हैं, ने बेंगलुरु में इस पूरे घटनाक्रम की शिकायत पुलिस को दी थी। कर्नाटक पुलिस ने मामले में जीरो एफआईआर दर्ज कर केस को गुरुग्राम ट्रांसफर किया। अब यह मामला डीएलएफ फेस-1 थाने में दर्ज किया गया है।
पीड़ित का आरोप है कि इंडिगो में काम के दौरान तपस डे, मनीष साहनी और कैप्टन राहुल पाटिल द्वारा उसके साथ बार-बार जातिगत टिप्पणियां की गईं। एक मीटिंग के दौरान उसे कहा गया: “तू प्लेन उड़ाने लायक नहीं, जाकर जूते सिला।” पीड़ित के मुताबिक, इस तरह की भाषा का इस्तेमाल न केवल उसे मानसिक रूप से तोड़ने वाला था, बल्कि यह पेशेवर माहौल को भी शर्मसार करने वाला था।
इसके अलावा, पीड़ित ने बताया कि उसे गलती के बिना वॉर्निंग लेटर दिए गए, सैलरी में कटौती की गई, मेडिकल लीव पर भी सवाल उठाए गए, और स्टाफ यात्रा रद्द कर दी गई। इतना ही नहीं, उस पर इस्तीफा देने का दबाव भी बनाया गया।
पीड़ित ने इस मामले की शिकायत पहले इंडिगो के सीईओ और एथिक्स कमेटी से भी की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। अंत में उन्हें कानूनी रास्ता अपनाना पड़ा। इस एफआईआर के बाद अब इंडिगो और संबंधित अधिकारियों पर जवाबदेही तय करने की मांग तेज हो गई है।
वहीं, एयरलाइंस की ओर से इस पूरे विवाद पर फिलहाल कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।