सीएम योगी ने रामलला के श्रीचरणों में झुकाया शीश, हनुमानगढ़ी में भी लगाई हाजिरी

मुख्यमंत्री ने हनुमानगढ़ी में संतों से भी मुलाकात की और उनका कुशलक्षेम जाना। यहां मुख्यमंत्री सबसे पहले गद्दीनशीन महंत प्रेमदास महाराज जी महाराज से मिले।

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  • Publish Date - March 21, 2025 / 11:44 AM IST

अयोध्या, 21 मार्च (आईएएनएस)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) शुक्रवार को रामनगरी पहुंचे। उन्होंने अपने दौरे का आगाज हनुमानगढ़ी में संकट मोचन के चरणों में हाजिरी लगाकर किया। यहां उन्होंने संतों से भी मुलाकात की। इसके बाद मुख्यमंत्री ने श्रीरामलला के चरणों में भी प्रणाम निवेदित किया।

शुक्रवार सुबह तुलसीपुर में मां पाटेश्वरी के दर्शन-पूजन व स्थानीय लोगों से मिलने के उपरांत मुख्यमंत्री रामनगरी पहुंचे, जहां रामकथा पार्क स्थित हेलीपैड पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों व भाजपा नेताओं ने उनका स्वागत किया। रामकथा पार्क से सीएम योगी सीधे हनुमानगढ़ी पहुंचे, जहां रामभक्त संकटमोचन हनुमान के दरबार में हाजिरी लगाई और प्रदेश के कल्याण की कामना की। सीएम ने दर्शन-पूजन के उपरांत निकलते समय आमजन का अभिवादन भी स्वीकार किया।

मुख्यमंत्री ने हनुमानगढ़ी में संतों से भी मुलाकात की और उनका कुशलक्षेम जाना। यहां मुख्यमंत्री सबसे पहले गद्दीनशीन महंत प्रेमदास महाराज जी महाराज से मिले। इसके बाद मुख्यमंत्री यहां अन्य संतों से भी मिले और उनका हालचाल जाना।

इसके बाद मुख्यमंत्री श्रीराम जन्मभूमि मंदिर पहुंचे और श्रीरामलला के चरणों में शीश झुकाया। मुख्यमंत्री ने यहां विधिवत दर्शन-पूजन भी किया। इसके बाद उन्होंने राम मंदिर निर्माण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया, यहां चल रहे निर्माण कार्य की प्रगति के बारे में भी जानकारी ली। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्र ने मुख्यमंत्री को यहां चल रहे कार्यों की विस्तृत जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने इस दौरान आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए।

इस दौरान योगी सरकार के मंत्री सूर्य प्रताप शाही, राकेश सचान, महापौर गिरीश पति त्रिपाठी, विधायक वेद प्रकाश गुप्ता, रामचंद्र यादव, अभय सिंह, चंद्रभानु पासवान आदि मौजूद रहे।

इससे पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने भारत रत्न शहनाई वादक उस्ताद बिस्मिल्लाह खाँ की जयंती के अवसर पर उनको श्रद्धाजलि भी दी। उन्होंने सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट में लिखा, “सुप्रसिद्ध शहनाई वादक, ‘भारत रत्न’ उस्ताद बिस्मिल्लाह खाँ ने अपने शहनाई वादन से भारत की सांस्कृतिक विरासत के विराट स्वरूप का विश्व से परिचय कराया, उनकी संगीत साधना वंदनीय है। आज उनकी जयंती पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि!”