दिल्ली में आत्मघाती हमला: आतंकी डॉ. उमर का नया वीडियो सामने आया, ड्रोन हमले की साजिश भी उजागर

नैशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने इस हमले के बाद एक बड़ा खुलासा किया है। एजेंसी ने बताया कि आतंकियों का अगला लक्ष्य ड्रोन और रॉकेट से हमले का था, जैसे कि हमास ने 7 अक्टूबर 2023 को इजराइल पर हमला किया था।

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  • Publish Date - November 18, 2025 / 12:20 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली में 10 नवंबर को लाल किले के पास हुए आत्मघाती हमले (Delhi Blast) के आरोपी आतंकी डॉ. उमर का एक नया वीडियो सामने आया है। इस वीडियो में वह अपनी योजना के बारे में बात कर रहा है, जिसमें उसने आत्मघाती हमले को लेकर अपना मिशन स्पष्ट किया है। उमर ने कहा कि यह “शहीद होने का ऑपरेशन” है, न कि सिर्फ एक सुसाइड हमला, जो उसकी सख्त धार्मिक मानसिकता को दर्शाता है।

वीडियो में उमर टूटी-फूटी अंग्रेजी में कहता है, “यह ऑपरेशन मर्टर्डम (शहीदी ऑपरेशन) है, न कि आत्महत्या का हमला।” यह बयान उस समय का है जब वह दिल्ली के लाल किले के पास अपने कार बम से हमला करने की योजना बना रहा था। इस हमले में 15 लोग मारे गए थे और 20 से ज्यादा घायल हो गए थे।

ड्रोन और रॉकेट से हमला करने की साजिश

नैशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने इस हमले के बाद एक बड़ा खुलासा किया है। एजेंसी ने बताया कि आतंकियों का अगला लक्ष्य ड्रोन और रॉकेट से हमले का था, जैसे कि हमास ने 7 अक्टूबर 2023 को इजराइल पर हमला किया था। NIA ने बताया कि डॉ. उमर के एक साथी जसीर बिलाल वानी उर्फ दानिश को गिरफ्तार किया गया है, जो ड्रोन हथियार बनाने में माहिर था और इस योजना को तकनीकी रूप से मदद प्रदान कर रहा था।

तानाशाही मानसिकता के तहत, दानिश ने ड्रोन से भीड़-भाड़ वाले इलाकों में बम गिराने की योजना बनाई थी, ताकि अधिकतम लोगों की जान ली जा सके। यह ड्रोन विशेष रूप से भारी विस्फोटक सामग्री के लिए तैयार किया जा रहा था, जिसे बड़े पैमाने पर हमला करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता था।

गिरफ्तारी और आगे की जांच

इस मामले में अब तक आठ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें से छह डॉक्टर हैं। एनआईए की जांच से यह भी पता चला है कि मुख्य आरोपी आमिर राशिद अली था, जो डॉ. उमर के साथ अंतिम बार संपर्क में था और उसने हमले के लिए कार खरीदी थी। आमिर को दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने NIA कस्टडी में भेज दिया है।

अब NIA इस पूरे मॉड्यूल और इसके तकनीकी नेटवर्क को खंगालने में जुटी है, ताकि इस तरह के और हमलों को रोकने के लिए तंत्र को नष्ट किया जा सके।

पूरे मामले का आंकलन

इस हमले ने सुरक्षा एजेंसियों को एक बार फिर से यह याद दिलाया है कि आतंकवाद के नए तरीकों से लड़ा जा सकता है। ड्रोन और रॉकेट जैसे अत्याधुनिक हथियारों के इस्तेमाल की साजिश आतंकवादियों की बढ़ती तकनीकी क्षमता को दर्शाती है। इस केस में एनआईए की मेहनत और गिरफ्तारी की कार्रवाई को देखते हुए उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही इस नेटवर्क को खत्म किया जा सकेगा।