नई दिल्ली, 11 अगस्त (आईएएनएस)। पिछले एक दशक में भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर (India’s manufacturing sector) में विदेशी निवेश करीब 69 प्रतिशत बढ़कर 165.1 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। यह जानकारी सरकार की ओर से दी गई।
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में बीते 10 वित्त वर्षों (2014-24) में विदेशी इक्विटी निवेश (Foreign equity investment) 69 प्रतिशत बढ़कर 165.1 अरब डॉलर हो गया है। यह आंकड़ा 2004 से 2014 के बीच 97.7 अरब डॉलर था।
एचएसबीसी के ताजा सर्वे में दी गई जानकारी में कहा गया कि मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों में भारत में जुलाई में लगातार इजाफा हुआ है। इसकी वजह मजबूत घरेलू मांग और नए एक्सपोर्ट ऑर्डर में बढ़ोतरी होना है।
सरकारी डेटा से मिली जानकारी के मुताबिक, पीएलआई स्कीम के तहत 14 मुख्य सेक्टर में निवेश के 755 प्रस्तावों को अनुमति दी गई है और मार्च तक 1.23 लाख करोड़ रुपये का निवेश हुआ है, जिसके कारण करीब 8 लाख रोजगार सृजित हुए हैं।
जिन सेक्टरों में पीएलआई स्कीम शुरू की गई है, उनमें इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट, मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग, फार्मा, ऑटोमोबाइल और स्टील कंपोनेंट, स्टील, टेलीकॉम प्रोडक्ट्स, कपड़ा, खाद्य और अन्य सेक्टर्स शामिल हैं।
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