मिग 21 की अंतिम उड़ान के साथ 62 साल की सेवा समाप्त

मिग 21 को भारतीय वायुसेना की रीढ़ माना जाता रहा है। यह भारत का पहला सुपरसोनिक फाइटर जेट था जो आवाज से तेज गति से उड़ान भरने में सक्षम था।

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  • Updated On - September 26, 2025 / 01:20 PM IST

MIG 21: भारतीय वायुसेना का मिग 21 लड़ाकू विमान अब आधिकारिक रूप से सेवा से बाहर हो गया है। शुक्रवार को चंडीगढ़ एयरबेस पर इसका विदाई समारोह आयोजित किया गया जिसमें एयरफोर्स चीफ एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी ने खुद मिग 21 में उड़ान भरी। उन्होंने 23 स्क्वाड्रन के छह विमानों के साथ फॉर्मेशन फ्लाइट की और इस ऐतिहासिक विमान को अंतिम विदाई दी। स्क्वाड्रन लीडर प्रिया शर्मा भी इस फ्लाईपास्ट का हिस्सा बनीं। मिग 21 को 1963 में पहली बार भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था और वह भी चंडीगढ़ से ही।

मिग 21 को भारतीय वायुसेना की रीढ़ माना जाता रहा है। यह भारत का पहला सुपरसोनिक फाइटर जेट था जो आवाज से तेज गति से उड़ान भरने में सक्षम था। 62 वर्षों की सेवा में इसने कई ऐतिहासिक युद्धों में भाग लिया। 1965 में पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध, 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम, 1999 का करगिल युद्ध और 2019 की बालाकोट एयर स्ट्राइक में मिग 21 ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, तीनों सेनाओं के प्रमुख और रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। राजनाथ सिंह ने कहा कि मिग 21 सिर्फ एक विमान नहीं बल्कि भारतीय वायुसेना की वीरता और आत्मविश्वास का प्रतीक रहा है। इसका योगदान केवल किसी एक युद्ध या घटना तक सीमित नहीं है। 1971 के युद्ध से लेकर बालाकोट एयरस्ट्राइक और ऑपरेशन सिंदूर तक मिग 21 ने हर बार देश की रक्षा में अपना सर्वोच्च योगदान दिया है।

अब मिग 21 की जगह स्वदेशी तेजस एलसीए मार्क 1ए विमान वायुसेना में शामिल किया जाएगा जो आधुनिक तकनीक और बेहतर क्षमताओं से लैस है। इसके साथ ही भारतीय वायुसेना के इतिहास का एक गौरवशाली अध्याय समाप्त हो गया है।