मुख्य सचिवों के सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी ने ‘एस्पिरेशनल ब्लॉक प्रोग्राम’ की शुरुआत की

'एस्पिरेशनल ब्लॉक प्रोग्राम' की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री ने एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम के तहत देश के विभिन्न एस्पिरेशनल जिलों में हासिल की गई सफलता को रेखांकित किया।

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  • Publish Date - January 8, 2023 / 03:17 AM IST

नई दिल्ली, 8 जनवरी (आईएएनएस)| प्रधानमंत्री (Prime Minister) नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने ‘एस्पिरेशनल ब्लॉक प्रोग्राम’ की शुरुआत की है और राज्यों से ब्लॉक स्तर पर एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम का पालन करने का आग्रह किया है। शनिवार को राज्यों के मुख्य सचिवों के तीन दिवसीय सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए मोदी ने जोर देकर कहा कि विकसित भारत के निर्माण के लिए देश बुनियादी ढांचे, निवेश, नवाचार और समावेश के चार स्तंभों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।

उन्होंने मुख्य सचिवों से एमएसएमई (MSME) को ‘वैश्विक चैंपियन’ और वैश्विक मूल्य श्रृंखला का हिस्सा बनाने के लिए कदम उठाने को कहा।

प्रधानमंत्री (Prime Minister) ने कहा, “वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में स्थिरता लाने के लिए पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है।”

उन्होंने साइबर सुरक्षा को बढ़ाने पर ध्यान देने के साथ-साथ भौतिक और सामाजिक बुनियादी ढांचे के विकास पर भी प्रकाश डाला।

‘एस्पिरेशनल ब्लॉक प्रोग्राम’ की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री ने एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम के तहत देश के विभिन्न एस्पिरेशनल जिलों में हासिल की गई सफलता को रेखांकित किया।

उन्होंने कहा कि एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट मॉडल को अब एस्पिरेशनल ब्लॉक प्रोग्राम के रूप में ब्लॉक स्तर तक ले जाया जाना चाहिए।

मोदी ने मुख्य सचिवों से अपने-अपने राज्यों में ‘एस्पिरेशनल ब्लॉक प्रोग्राम’ को लागू करने को कहा।

राज्यों में जी-20 की बैठकों से जुड़ी तैयारियों के लिए प्रधानमंत्री ने आम नागरिकों को शामिल करने के महत्व पर जोर दिया।

उन्होंने कहा कि इस तरह के ‘सिटीजन कनेक्ट’ को प्राप्त करने के लिए रचनात्मक समाधानों की परिकल्पना की जानी चाहिए। उन्होंने जी-20 शिखर सम्मेलन से संबंधित तैयारियों के लिए एक समर्पित टीम गठित करने का भी सुझाव दिया।

मोदी ने ड्रग्स, अंतर्राष्ट्रीय अपराधों, आतंकवाद और विदेशी धरती से उत्पन्न होने वाली गलत सूचनाओं से उत्पन्न चुनौतियों पर भी राज्यों को आगाह किया।

मुख्य सचिवों के सम्मेलन का दूसरा संस्करण 5 जनवरी को राष्ट्रीय राजधानी में शुरू हुआ था, जबकि प्रधानमंत्री 6 और 7 जनवरी को आयोजित विचार-विमर्श के दौरान उपस्थित थे।