नई दिल्ली, 4 जुलाई (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने दिल्ली के प्रगति मैदान के नवनिर्मित कन्वेंशन सेंटर में सोमवार को लगभग पांच घंटे तक चली मंत्रिपरिषद की मैराथन बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि देश में कई राजनीतिक दल 2024 पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, लेकिन उनकी सरकार 2047 के विजन के साथ अगले 25 वर्षों में भारत को विकसित भारत बनाने के लिए काम कर रही है।
उनके इस कथन को विपक्षी एकता की मुहिम चलाने वाले दलों के खिलाफ एक कटाक्ष के तौर पर देखा जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक, बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2047 के विजन का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी सरकार अगले 25 वर्षों के लिए काम कर रही है और ऐसे में उनकी टीम को अदूरदर्शी नहीं होना चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं मंत्रिपरिषद की बैठक की तस्वीरों को शेयर करते हुए ट्वीट किया, ” मंत्रिपरिषद के साथ एक सार्थक बैठक, जहां हमने विभिन्न पॉलिसी संबंधी मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।” प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शेयर की गई बैठक की चार तस्वीरों में से एक में प्रधानमंत्री अपने मंत्रिपरिषद के सहयोगियों को संबोधित करते नजर आ रहे हैं और दो अन्य तस्वीरों में वे मंत्रियों के साथ बैठकर प्रेजेंटेशन देखते नजर आ रहे हैं।
केंद्रीय मंत्रिपरिषद की बैठक के समापन के बाद मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने बताया कि बैठक में प्रधानमंत्री ने देश के आधारभूत एवं बुनियादी ढांचे के विकास पर जोर दिया, विकास कार्यों की चर्चा की, काम करने का मंत्र दिया, परफॉर्मेंस पर चर्चा की, 2047 के विजन और रोड मैप के बारे में भी बताया।
इसके साथ ही देश को आगे ले जाने के बारे में भी बैठक में चर्चा हुई। मीनाक्षी लेखी ने आगे बताया कि विदेश सचिव ने बैठक में प्रेजेंटेशन देकर यह बताया कि इस बार की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश यात्रा ( अमेरिका और मिस्र की विदेश यात्रा) किस प्रकार से भिन्न थी और इसका देश को क्या लाभ मिला है। लेखी ने कहा कि इस प्रेजेंटेशन के जरिए यह भी बताया गया कि तीन-चार महीने पहले तक जिन बातों का जिक्र तक नहीं हो रहा था उस पर भी भारत इस बार की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा में रिजल्ट लेकर आया है।
सूत्रों के मुताबिक, बैठक में रक्षा सचिव और वित्त मंत्रालय की तरफ से भी प्रेजेंटेशन दिया गया। इंफ्रास्ट्रक्चर और कैपिटल एक्सपेंडिचर को लेकर भी बैठक में प्रेजेंटेशन दिया गया। बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंत्रियों को 2047 के रोड मैप पर फोकस करने और सभी चल रही परियोजनाओं को समय पर पूरा करने की भी हिदायत दी।
सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी ने मंत्रिपरिषद की बैठक को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि हम शांति के साथ काम कर रहे हैं, ताकि हम युद्ध के लिए तैयार रहें। उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही तमाम कल्याणकारी योजनाओं का लाभ अंतिम लाभार्थियों तक पहुंचाने पर जोर देते हुए मंत्रियों से इसमें सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान किया।
इसके अलावा नई-नई तकनीक को तेजी से अपनाने की बात कही। भारत की आर्थिक विकास को गति को बढ़ाने पर फोकस करने को कहा और साथ ही देश के मतदाताओं की उम्मीदों पर खरा उतरने की सलाह भी दी। सोमवार को लगभग पांच घंटे तक चली केंद्रीय मंत्रिपरिषद की बैठक में केंद्रीय मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, निर्मला सीतारमण, एस. जयशंकर, स्मृति ईरानी, पीयूष गोयल, गिरिराज सिंह, अनुराग ठाकुर, महेंद्र नाथ पांडेय, किरेन रिजिजू और जी.किशन रेड्डी सहित केंद्र सरकार के कैबिनेट मंत्री, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और राज्य मंत्री शामिल हुए।
बैठक में प्रधानमंत्री कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों, रक्षा सचिव, विदेश सचिव और केंद्रीय गृह मंत्रालय समेत अन्य कई मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे। कैबिनेट में बड़े बदलाव और फेरबदल की आहट के बीच लगभग पांच घंटे तक चली मंत्रिपरिषद की इस बैठक को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
दरअसल, 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा आलाकमान ने भाजपा संगठन के साथ-साथ मोदी सरकार में फेरबदल का भी एक बड़ा ब्लू प्रिंट तैयार किया है, और यह माना जा रहा है इस सरकार के कई मंत्री भाजपा संगठन में भेजे जा सकते हैं। वही कुछ मंत्रियों को उनके प्रदर्शन के आधार पर भी बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है।
ऐसे में मंत्रिपरिषद की इस बैठक को कई मंत्रियों के लिए विदाई बैठक के तौर पर भी देखा जा रहा है। वर्तमान लोक सभा में मोदी सरकार का संभवतः यह आखिरी सबसे बड़ा फेरबदल और विस्तार होगा इसलिए किसे हटाना है और किसे लाना है, इसे लेकर भाजपा में शीर्ष स्तर पर विचार-मंथन का दौर पिछले लंबे समय से जारी है। मंत्रिपरिषद की बैठक को संभवतः अंतिम बैठक माना जा सकता है क्योंकि संसद का मानसून सत्र 20 जुलाई से शुरू होने जा रहा है जिसके 11 अगस्त तक चलने की संभावना है।
इसलिए यह माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी संसद के मानसून सत्र से पहले ही केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल कर सकते हैं। पार्टी संगठन में भी बड़ा फेरबदल होना है। कई राज्यों में भी नए प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्ति होनी है जो अपने-अपने प्रदेशों में नई टीम बनाएंगे।