नई दिल्ली, 9 जनवरी (आईएएनएस)| दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने सोमवार को रोहिणी अदालत को बताया कि जांच के दौरान एकत्र किए गए सीसीटीवी फुटेज में से एक से पता चलता है कि आरोपी यह देखने के लिए कार से उतरा था कि उसके नीचे क्या अटका हुआ है और फिर वाहन चलाता रहा। अंजलि की मौत के मामले में गिरफ्तार छह आरोपियों को पुलिस हिरासत समाप्त होने के बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया। जहां से अदालत ने उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। गौरतलब है कि एक जनवरी की सुबह तड़की अंजलि को कार से करीब 12 किमी घसीटा गया था, जिससे उसकी दर्दनाक मौत हो गई थी।
आरोपियों की पहचान आशुतोष, दीपक खन्ना, अमित खन्ना, कृष्ण, मिथुन और मनोज मित्तल के रूप में हुई है। सबूतों से छेड़छाड़ के आरोपी आशुतोष ने भी अदालत में जमानत याचिका दायर की है, जिस पर मंगलवार को सुनवाई होनी है।
सूत्रों के अनुसार, कार मालिक आशुतोष और अमित के भाई अंकुश खन्ना की पांचों आरोपियों से बातचीत हुई थी और अमित के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं होने के कारण दीपक को पुलिस को यह बताने के लिए कहा गया था कि घटना के समय वह ड्राइविंग सीट पर था। अंकुश को हाल ही में कोर्ट ने जमानत दी थी।
अंकुश अमित का भाई है, और घटना के समय अमित कार चला रहा था। अंकुश और आशुतोष दोनों ने सबूतों के साथ छेड़छाड़ की है। कानून और व्यवस्था के विशेष पुलिस आयुक्त सागर प्रीत हुड्डा ने कहा था कि अंकुश ने अपने भाई को बचाने के लिए दीपक से पुलिस को यह बताने के लिए कहा था कि वह कार चला रहा था। अमित के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था।