तिरूपति, 13 जुलाई (आईएएनएस)। चंद्रमा पर भारत के तीसरे मिशन से पहले भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों ने गुरुवार को इसकी सफलता के लिए तिरूपति के वेंकटचलपति मंदिर में पूजा-अर्चना की।
इसरो वैज्ञानिकों की एक टीम ने चंद्रयान-3 (Chandrayaan) के एक मॉडल के साथ पूजा की।
सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा से मिशन शुक्रवार को दोपहर 2:35 बजे लॉन्च किया जाएगा। हर बड़े मिशन से पहले इसरो वैज्ञानिक उसकी सफलता के लिए तिरुपति मंदिर में पूजा-अर्चना करते हैं।
चंद्रयान-3 का लक्ष्य चंद्रमा की सतह पर धीरे से उतरना और रोवर के साथ इसका पता लगाना है। एक सफल सॉफ्ट लैंडिंग के बाद भारत यह उपलब्धि हासिल करने वाला चौथा देश बन जाएगा। इससे पहले अमेरिका, रूस और चीन अपना सफल प्रक्षेपण कर चुके हैं।
इज़राइल और भारत के मिशन 2019 में फेल हो गए थे, जबकि जापान से लैंडर-रोवर और संयुक्त अरब अमीरात से रोवर ले जाने वाला अंतरिक्ष यान 2022 में विफल हो गया था।
इसरो वैज्ञानिकों ने कई परीक्षणों के बाद लैंडर के डिजाइन में सुधार किया है।