प्रदर्शनकारी किसानों ने ‘दिल्ली चलो’ मार्च शुक्रवार तक टाला

किसान फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और अन्य मुद्दों पर अपनी मांगों को स्वीकार करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए पिछले कुछ दिनों से पंजाब-हरियाणा सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

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  • Publish Date - February 22, 2024 / 12:05 PM IST

चंडीगढ़, 21 फरवरी (आईएएनएस)। किसानों (farmers) ने बुधवार को ‘दिल्ली चलो’ मार्च को दो दिनों के लिए स्थगित करने की घोषणा की और शुक्रवार शाम को अपनी अगली रणनीति तय करेंगे।

इस फैसले की घोषणा किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने मीडिया को संबोधित करते हुए की।

किसान फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और अन्य मुद्दों पर अपनी मांगों को स्वीकार करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए पिछले कुछ दिनों से पंजाब-हरियाणा सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

बुधवार की दोपहर में पंजाब के शंभू प्‍लाजा और खनौरी बॉर्डर पर हरियाणा पुलिस द्वारा आंसूगैस के गोले छोड़े जाने से कथित तौर पर जुगराज सिंह नाम के एक प्रदर्शनकारी किसान की मौत हो गई और कई घायल हो गए। हालांकि, हरियाणा पुलिस ने किसी के हताहत होने से इनकार किया है।

राष्ट्रीय राजधानी की ओर मार्च करने के लिए तैयार हरियाणा की सीमाओं पर किसानों की भारी भीड़ के बीच केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि केंद्र सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है।

उन्होंने कहा कि चौथे दौर के बाद सरकार पांचवें दौर में एमएसपी की मांग, फसल विविधीकरण, पराली मुद्दा, एफआईआर जैसे सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है।

उन्होंने एक्स पर लिखा, “मैं किसान नेताओं को फिर से चर्चा के लिए आमंत्रित करता हूं। हमारे लिए शांति बनाए रखना महत्वपूर्ण है।”

संयुक्‍त किसान यूनियन के नेताओं ने सोमवार को सरकारी एजेंसियों द्वारा पांच साल के लिए एमएसपी पर दालें, मक्का और कपास खरीदने के केंद्र के प्रस्ताव को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि यह किसानों के हित में नहीं है।

किसान नेता पंधेर और जगजीत सिंह दल्लेवाल ने एक बैठक बुलाकर प्रस्ताव खारिज किए जाने की घोषणा की।

तीन केंद्रीय मंत्रियों – पीयूष गोयल, अर्जुन मुंडा और नित्यानंद राय ने रविवार को चंडीगढ़ में चौथे दौर की वार्ता के दौरान किसानों को प्रस्ताव दिया।

कृषि मंत्री ने मुद्दे को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल करने के लिए और अधिक बातचीत करने की अपील करते हुए, एक आशावादी मीडिया से कहा था : “हम भलाई करना चाहते हैं और ऐसा करने के लिए कई राय दी जा सकती हैं, क्योंकि हम हमेशा अच्छी राय का स्वागत करते हैं… लेकिन कोई रास्ता निकालना होगा, वह राय कैसे सार्थक होगी, इसका एकमात्र रास्ता बातचीत है। बातचीत से समाधान जरूर निकलेगा।”