वडोदरा, 16 अप्रैल (आईएएनएस)| परिजनों और पड़ोसियों के आश्चर्य और विस्मय का उस समय ठिकाना नहीं रहा जब मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के धार जिला निवासी एक युवक, जिसे गुजरात के अस्पताल में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान 2021 में मृत घोषित कर दिया गया था और उसके ‘अवशेष’ का अंतिम संस्कार हो गया था, घर वापस लौट आया। घटना की सूचना धार के करोदकला गांव से मिली है। 35 वर्षीय कमलेश पाटीदार (Kamlesh Patidar) ने शनिवार सुबह अपनी मौसी के घर पहुंचा और दरवाजा खटखटाया।
उनके चचेरे भाई मुकेश पाटीदार के अनुसार, कमलेश कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान बीमार पड़ गए। उन्हें गुजरात के वडोदरा के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। बाद में डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया और उनके शरीर को परिवार के सदस्यों को सौंप दिया, जिन्होंने उनका अंतिम संस्कार किया। हालांकि, शनिवार को पाटीदार अचानक घर लौट आए, लेकिन पिछले दो साल के दौरान अपने ठिकाने के बारे में कुछ नहीं बताया।
कानवां थाना प्रभारी राम सिंह राठौड़ ने बताया कि परिवार के लोगों के मुताबिक पाटीदार कोरोना वायरस के संक्रमण से पीड़ित थे और वडोदरा के अस्पताल द्वारा उन्हें मृत घोषित किए जाने के बाद परिवार के सदस्यों ने वहीं उनका अंतिम संस्कार किया और अपने गांव लौट गए।
राठौड़ ने कहा कि पाटीदार का बयान दर्ज करने के बाद ही चीजें स्पष्ट हो पाएंगी, खासतौर पर इस बात पर कि वह अपनी ‘मौत’ के बाद से कहां थे। जिस अस्पताल ने उन्हें मृत घोषित किया वह सरकारी अस्पताल बताया जा रहा है।