जयपुर, 20 मई (आईएएनएस)। पॉक्सो कोर्ट ने सोमवार को भीलवाड़ा सामूहिक बलात्कार और हत्या (Bhilwara gang rape and murder) मामले में दो भाइयों को मौत (Death of two brothers) की सजा सुनाई। न्यायाधीश ने मामले को “दुर्लभ से दुर्लभतम” मानते हुए शनिवार को दो भाई कालू और कान्हा को दोषी ठहराया था और सात अन्य आरोपियों को बरी कर दिया था।
कोर्ट ने फैसला सोमवार तक के लिए सुरक्षित रख लिया था। सुनवाई के दौरान कोर्ट में मौजूद मृतका के माता-पिता ने कहा,”हमें न्याय मिला।” जिन सात आरोपियों को बरी किया गया, उनमें दोषियों की मां, बहन और पत्नियां शामिल हैं। अभियोजन पक्ष ने 43 गवाहों को पेश किया। इनमें से 42 ने साक्ष्य का समर्थन किया।
विशेष लोक अभियोजक महावीर किसनावत ने कहा, मामले में 473 पन्नों की चार्जशीट दायर की गई थी और 10 महीनों से सुनवाई चल रही थी। जांच तत्कालीन पुलिस उपाधीक्षक श्याम सुंदर बिश्नोई द्वारा की गई थी और एडीजी (अपराध) दिनेश एमएन और अजमेर रेंज आईजी लता मनोज ने मामलेे की निगरानी की थी। पिछले साल दो अगस्त को अपने खेत में बकरियां चराने गई गिरड़िया पंचायत की एक नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म कर उसे कोयले की भट्टी में जिंदा जला दिया गया था।