बीजापुर। सड़क निर्माण में हुई भ्रष्टाचार(corruption in road construction) की खबरें प्रकाशित करने पर कथाकथित कांग्रेस नेता और ठेकेदार सुरेश चंद्राकर ने पत्रकार मुकेश चंद्राकर(journalist mukesh chandrakar) को अपने भाई और साथियों के साथ मिलकर हत्या करने करने के बाद उसे सेप्टिक टैंक में दफना दिया था। इस मामले में ठेकेदार सुरेश चंद्राकर सहित चार लोग जेल में है। इस हत्याकांड की जांच स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने 1000 से अधिक पन्नों की चार्जशीट तैयार की है, जिसे मंगलवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा। इस मामले में 72 लोगों को गवाह बनाया गया है। हत्याकांड में अब तक ठेकेदार सुरेश चंद्राकर सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जो इस समय जेल में हैं।
3 जनवरी को पत्रकार मुकेश चंद्राकर का शव ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के बाड़े में स्थित सेप्टिक टैंक से बरामद किया गया था। पुलिस ने इस मामले में सुरेश चंद्राकर, रितेश चंद्राकर, दिनेश चंद्राकर और महेंद्र रामटेके को गिरफ्तार किया है। प्रारंभिक जांच में पता चला कि दो लोगों ने मिलकर मुकेश की बेरहमी से हत्या की थी। पुलिस ने सुरेश चंद्राकर को इस हत्या का मास्टरमाइंड माना है।
एसआईटी की जांच में सामने आया कि हत्या के पीछे वजह पत्रकार मुकेश चंद्राकर द्वारा ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के निम्न गुणवत्ता वाले निर्माण कार्यों को उजागर करना था। खबर प्रकाशित होने से नाराज होकर सुरेश ने अपने भाइयों के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची।
एसआईटी अधिकारियों के अनुसार, आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और तेलंगाना पुलिस को भी अभियान में शामिल किया गया था। हत्या में इस्तेमाल की गई चार गाडिय़ां और एजेक्स भी जब्त कर लिए गए हैं। जांच में खुलासा हुआ कि सुरेश ने अपने भाइयों के साथ चार दिन पहले हत्या की योजना बनाई थी और उसे अंजाम दिया।
एसआईटी की चार्जशीट और कोर्ट की कार्यवाही पर अब सभी की नजरें टिकी हैं, जिससे यह स्पष्ट होगा कि इस जघन्य अपराध में शामिल आरोपियों को क्या सजा मिलेगी।
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