बिना नाम लिए उपराष्ट्रपति धनखड़ ने राहुल को घेरा, बोले, कुछ लोग विदेश में भारत को कर रहे बदनाम

उपराष्ट्रपति (Vice President) और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने बिना किसी का नाम लिए शनिवार को राहुल गांधी को घेरा और कहा कि कुछ लोग भारत को विदेश में बदनाम कर रहे हैं।

  • Written By:
  • Publish Date - March 11, 2023 / 05:49 PM IST

मेरठ, 11 मार्च (आईएएनएस)| उपराष्ट्रपति (Vice President) और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने बिना किसी का नाम लिए शनिवार को राहुल गांधी को घेरा और कहा कि कुछ लोग भारत को विदेश में बदनाम कर रहे हैं। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ शनिवार को मेरठ में तीन दिवसीय आयुर्वेद पर्व व एक जिला-एक उत्पाद (ओडीओपी) प्रदर्शनी के उद्घाटन पर बोल रहे थे। इस दौरान उन्होंने राहुल गांधी द्वारा लंदन में दिए गए बयान पर बिना नाम लिए हुए निशाना साधा और कहा कि मैंने अपनी दो विदेश यात्राओं के दौरान देखा है कि जब मैं खुद का परिचय देता हूं तो लोग सम्मान की ²ष्टि से देखते हैं, ये है आज के भारत की ताकत। फिर भी कुछ लोग भारत को विदेश में बदनाम कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि देश हमेशा सबसे पहले है, और होना चाहिए। आज देश की सोच में बदलाव आ गया है, धारा में भी बदलाव आ गया है।आज के दिन भारत कहां है, जो कभी सोचा नहीं था जिसकी कल्पना नहीं थी वो सब आज यहीं हो रहा है। कहा कि कुछ लोगों ने भारत की प्रतिष्ठा को कुंठित करने की ठान ली है। राज्यसभा में आज तक माइक ऑफ नहीं हुआ है। वे देश के बाहर जाकर कहते हैं कि संसद में माइक बंद कर दिया गया। जबकि देश के अंदर इमरजेंसी के समय संकट आया था। उस दौरान माइक भी बंद हुआ था। वह दिन अब कभी नहीं आ सकता।

धनखड़ ने कहा कि अब भारत की आवाज सुनी नहीं जाती है, बल्कि लोग इंतजार करते हैं कि भारत इस विषय पर क्या बोलेगा। हमारा इतिहास हजारों साल पुराना है, हम एक महान राष्ट्र हैं, हमारे लोग महान हैं। उन्होंने कहा कि एक वातावरण तैयार कीजिए, संसद और विधान सभाओं में आचारण अनुकरणीय होना चाहिए। वहां व्यवधान नहीं होना चाहिए। पर ये कैसे होगा। इसके लिए आप सभी को जनांदोलन करना होगा। उन लोगों को जवाबदेह बनाना होगा जो इस महान देश की उपलब्धियों का निरादर करते हैं।

कहा कि हमारी संविधान सभा ने 3 वर्षों तक अनेक जटिल और विभाजनकारी मुद्दों पर बहस की, उन्हें सुलझाया। लेकिन तीन वर्ष के लंबे समय में, कोई व्यवधान नहीं हुआ, कोई वेल में नहीं आया, कोई प्लेकार्ड नहीं दिखाये गए। हमारा आचरण आज उसके विपरीत है। हम लोकतंत्र के मंदिरों का इस तरह अनादर होते हुए नहीं देख सकते। हम न केवल सबसे बड़े प्रजातंत्र हैं, हम लोकतंत्र की जननी भी हैं।

कहा कि मुझे याद है जब मैं मंत्री था, हर सांसद को अधिकार था कि वो साल में किसी को भी 50 गैस कनेक्शन 50 फोन कनेक्शन दे सकता है। आज स्थित देखिए। आज देश की सरकार बड़ा सोचती है और उससे भी बड़ा करती है। उत्तर प्रदेश के लोगों ने क्या कभी सोचा था कि कानून व्यवस्था ठीक हो पाएगी? लेकिन आज आप देख सकते हैं। लोगों ने मुख्यमंत्री के बारे में कहा था कि देखते हैं इनकी कानून व्यवस्था कब तक टिकेगी, लेकिन ये टिक गयी है, इस पौधे की जड़ नीचे की ओर जा रही है।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि दुनिया ने योग की ताकत को देखा, पूरी दुनिया ने उसका समर्थन किया। कोविड के दौरान आयुर्वेद ने अपनी क्षमता सिद्ध की। हमारी संस्कृति का साफ संदेश है कि पहला सुख निरोगी काया। उन्होंने कहा कि अब ये आपको तय करना है कि आप आयुर्वेद को कहां तक ले जाएंगे। आज लाइफस्टाइल डिसीज की बात होती है। इसमें आयुर्वेद और परंपरागत चिकित्सा पद्धतियां बहुत प्रभावी हैं। यह वही बात हुई – गली में छोरो गांव में ढिढोरो।