रांची, 21 मई (आईएएनएस)। झारखंड (Jharkhand) में भारतीय जनता पार्टी ने उन नेताओं-कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई की तैयारी कर ली है, जिन्होंने पार्टी के आदेशों-निर्देशों की अवहेलना की या पार्टी लाइन से बाहर जाकर बयानबाजी की। मोदी 1.0 सरकार में मंत्री रहे हजारीबाग के मौजूदा सांसद जयंत सिन्हा एवं धनबाद के विधायक राज सिन्हा सहित कई अन्य नेता अनुशासनिक कार्रवाई की जद में हैं।
पार्टी ने इन दोनों को सोमवार देर शाम शो-कॉज नोटिस थमा दिया। पार्टी को सूचना मिली है कि हजारीबाग, गोड्डा, जमशेदपुर, चतरा, दुमका, धनबाद और गिरिडीह सीटों पर कई नेताओं-कार्यकर्ताओं ने पार्टी की ओर से दी गई जिम्मेदारियों के निर्वहन में कोताही बरती या फिर पार्टी के सामान्य अनुशासन का पालन नहीं किया।
पार्टी के प्रदेश महामंत्री आदित्य साहू ने जयंत सिन्हा को भेजे गए शो-कॉज नोटिस में कहा है कि लोकसभा चुनाव, 2024 में जब से हजारीबाग लोकसभा सीट से पार्टी ने मनीष जायसवाल को प्रत्याशी घोषित किया है, तब से न आप न तो चुनाव प्रचार और न ही संगठनात्मक कार्य में रुचि ले रहे हैं। लोकतंत्र के महापर्व में आपने अपने मताधिकार का भी प्रयोग करना उचित नहीं समझा। आपके इस रवैए से पार्टी की छवि धूमिल हुई है।
जयंत सिन्हा को कहा गया है कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के निर्देशानुसार वे दो दिनों में स्पष्टीकरण दें।
जयंत सिन्हा हजारीबाग से दो टर्म और उनके पिता यशवंत सिन्हा तीन टर्म भाजपा के टिकट पर संसद के लिए चुने गए हैं। 26 साल बाद पार्टी ने इस बार सिन्हा परिवार से इतर स्थानीय विधायक मनीष जायसवाल को उम्मीदवार बनाया है। उम्मीदवार बनने के बाद मनीष जायसवाल खुद जयंत सिन्हा के आवास गए और उनसे सहयोग-समर्थन मांगा।
मनीष जायसवाल ने मुलाकात की तस्वीर साझा कर यह संदेश देने की कोशिश की थी कि उन्हें जयंत सिन्हा का समर्थन हासिल है। लेकिन इसके बाद जयंत न तो किसी सभा में शामिल हुए, न प्रचार में।
उधर, उनके पिता यशवंत सिन्हा प्रेस कांफ्रेंस कर कांग्रेस उम्मीदवार के समर्थन का ऐलान करते रहे। यहां तक कि पिछले दिनों जयंत सिन्हा के पुत्र असित सिन्हा कांग्रेस की चुनावी सभा में मंच पर दिखे।
पार्टी ने इन तमाम गतिविधियों पर नजर रखी थी और अब मतदान के ठीक बाद जयंत को नोटिस जारी किया गया है।
इसी तरह धनबाद में भाजपा के विधायक राज सिन्हा के बारे में पार्टी को जानकारी मिली कि वे वहां के प्रत्याशी ढुल्लू महतो के खिलाफ चौक-चौराहों पर चर्चा कर रहे हैं। उनके समर्थक माने जाने वाले धनबाद के पांच मंडलों के भाजपा अध्यक्ष को भी ऐसी ही गतिविधियों में संलिप्त पाया गया।
भाजपा के प्रदेश महासचिव ने इन सभी को नोटिस जारी करते हुए पूछा है कि क्यों नहीं आपको पार्टी की सदस्यता से निलंबित कर दिया जाए।
इधर, जमशेदपुर में पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता और पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने उस दिन अपने पद से इस्तीफा दे दिया, जिस दिन प्रधानमंत्री जमशेदपुर के दौरे पर थे। पार्टी इस मामले पर भी गंभीरता से विचार कर रही है।