पटना, 14 नवंबर 2025। बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की जबरदस्त जीत के साथ लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने राज्य की राजनीति में खुद को एक मजबूत युवा नेता के रूप में स्थापित कर दिया है। एनडीए गठबंधन में 29 सीटें हासिल कर लड़ने वाली चिराग की पार्टी 22 स्थानों पर बढ़त बनाए हुए है, जो करीब 75% की स्ट्राइक रेट है।
पिछले चुनावों में बेहद सीमित सफलता मिलने और 2021 में पार्टी टूटने के बाद कई लोगों ने चिराग के राजनीतिक भविष्य पर सवाल उठाए थे। लेकिन 43 वर्षीय चिराग ने खुद को ‘युवा बिहारी’ के रूप में पेश करते हुए जमीन पर लगातार सक्रिय रहते हुए दलित समाज के मुद्दों को आगे रखा। इसका नतीजा 2024 लोकसभा चुनाव में दिखा, जब उनकी पार्टी ने सभी 5 सीटों पर जीत दर्ज की।
इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर भी चिराग ने अपनी राजनीतिक ताकत दिखाई। पहले बीजेपी और जेडीयू उन्हें 20 से ज्यादा सीटें देने को तैयार नहीं थे, जिसके बाद चिराग ने प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी से बातचीत शुरू कर दी। इस रणनीति का असर हुआ और आखिरकार एनडीए ने उन्हें 29 सीटें देने पर सहमति जताई।
चिराग ने चुनाव से पहले संकेत दिया था कि वे उपमुख्यमंत्री पद की दौड़ में रहेंगे, हालांकि उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता तो उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी पर देखना चाहते हैं। चिराग ने पीएम नरेंद्र मोदी के प्रति अपनी निष्ठा भी दोहराई और कहा कि किसी भी स्थिति में वे एनडीए छोड़ने की सोच भी नहीं सकते।
चुनाव परिणामों से पहले एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि उनकी भविष्य की प्राथमिकताओं में 2027 के यूपी और पंजाब चुनाव, 2029 का लोकसभा चुनाव और आगे की राजनीतिक तैयारी शामिल है।
एनडीए की जीत के बाद चिराग का कद बिहार में तेजी से बढ़ता दिख रहा है और राजनीतिक जानकारों का मानना है कि वे अब राज्य की मुख्यधारा की राजनीति में एक निर्णायक युवा चेहरा बनकर उभर रहे हैं।
