आगरा पहुंचे सीएम योगी ने कहा, बांग्लादेश वाली गलतियां यहां नहीं होनी चाहिए, बंटेंगे तो कटेंगे

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने कहा है कि बांग्लादेश से सबक सीखिए, एक रहना है, बंटना नहीं है।

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  • Updated On - August 26, 2024 / 02:34 PM IST

आगरा, 26 अगस्त (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने कहा है कि बांग्लादेश से सबक सीखिए, एक रहना है, बंटना नहीं है। बंटेंगे तो कटेंगे और एक रहेंगे तो सुरक्षित रहेंगे। मुख्यमंत्री योगी सोमवार को आगरा में जन्माष्टमी (Janmashtami in Agra) के अवसर पर दुर्गादास राठौर की प्रतिमा के अनावरण के मौके पर बोल रहे थे।

इस दौरान उन्होंने कहा कि राष्ट्र से बढ़कर कुछ नहीं है। राष्ट्र तभी सशक्त होगा, जब हम एक होंगे। बांग्लादेश में देख रहे हैं न, वो गलतियां यहां नहीं होनी चाहिए। बंटेंगे तो कटेंगे। एक रहेंगे-नेक रहेंगे। सुरक्षित रहेंगे और समृद्धि की पराकाष्ठा तक पहुंचेंगे।

उन्होंने कहा कि समाज, जाति, भाषा के नाम पर बांटने वाली ताकतों से सावधान रहना होगा। दुर्गादास राठौर का यही संकल्प था। आगरा के कण कण में कन्हैया का वास है। यहां कला है, आस्था है, समर्पण है, विश्वास है। ये ही राष्ट्र निष्ठा बढ़ाती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दुर्गादास राठौर का यही संकल्प था। सबसे बड़ी सत्ता के सामने जमींदारों के लिए घुटने टेक दिए थे। उनका कोई नाम लेने वाला नहीं है। दुर्गादास का नाम मारवाड़, एमपी में अमर है। हमें महापुरुषों का नाम याद रखना होगा। 10 साल से मूर्ति मेरा इंतजार कर रही थी। जिस दिन कृष्ण आए, उस दिन लोकार्पण हुआ।

उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि देश की आजादी के लिए 9 अगस्त 1925 में लखनऊ में मा. राम प्रसाद बिस्मिल, ठाकुर रोशन सिंह, अशफाक उल्ला खां, चंद्रशेखर आजाद जैसे क्रांतिकारियों ने काकोरी ट्रेन एक्शन की घटना को अंजाम देकर अंग्रेजी हुकुमत को चुनौती दी थी। उस समय अंग्रेजी हुकूमत हिल गई थी। ट्रेन एक्शन में इन क्रांतिकारियों को महज 4 हजार 600 रुपए मिले थे। लेकिन, उन्हें गिरफ्तार कर सजा दिलाने के लिए अंग्रेजों ने 10 लाख रुपए खर्च कर दिए। तब भी आजादी की लड़ाई कमजोर नहीं पड़ी। रामप्रसाद बिस्मिल को जब फांसी दी जा रही थी तब उनसे पूछा गया कि अंतिम अभिलाषा हो तो बताइए। तब बिस्मिल जी ने कहा- इस भारतवर्ष में सौ बार मेरा जन्म हो और मौत का कारण सदा ही देश उपकार कर्म हो। बार-बार इस हिंदुस्तान की धरती पर जन्म लूं।